मनोज वर्मा, Kaithal News: कैथल निकाय चुनाव को लेकर फाइनल की गई मतदाता सूची में अनेकों अनियमितताएं सामने आई हैं। पूर्व सिंचाई मंत्री शमशेर सिंह सुरजेवाला की जनवरी 2020 में मौत हो चुकी है, लेकिन वह वोटर लिस्ट में आज भी जिंदा हैं। सेक्टर 20 के मकान नंबर एक में वोट नंबर 409 दिखाया गया है। इतना ही नहीं, सेक्टर के मकान नंबर एक में छह सदस्य रहते हैं, लेकिन इस मकान पर 30 लोगों के वोट बनाए गए हैं। इन्हीं में से एक वोट स्व. शमशेर सिंह सुरजेवाला का भी है। इसी वार्ड के मतदाता सूची में एक साल पहले कोरोना महामारी के चलते जिंदगी गवां चुके सेक्टर 20 निवासी दंपत्ती को जिंदा दिखाया गया है, वहीं वर्ष 2015 में जिस मतदाता की मौत हो चुकी है, वह आज भी वोटर लिस्ट में जीवित है।
एक बुजुर्ग महिला की कई साल पहले मौत हो चुकी है, लेकिन वोटर लिस्ट में वह आज भी जिंदा है। इस वार्ड से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार अश्विनी कुमार पोलू ने कहा कि वोटर लिस्ट में भारी खामियां है। इसकी जांच करते हुए जो गलती इसमें की गई है, उसे दूर किया जाना चाहिए। इस वोटर लिस्ट पर चुनाव होने से उम्मीदवारों को नुकसान उठाना पड़ेगा। इस बार निकाय चुनाव में एक लाख छह हजार 298 मतदाताओं की लिस्ट फाइनल की गई है।
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मकान में रहते हैं छह लोग, वोट बने 30
सेक्टर 20 निवासी प्रदीप सिंगला ने बताया कि वार्ड नंबर सात का स्थाई निवासी हूँ। उनके चाचा हरभज सिंगला की वर्ष 2015 में मौत हो चुकी है, लेकिन वोटर लिस्ट में आज भी जिंदा हैं। पिछले प्लान में वर्ष 2016 में नगर परिषद के चुनाव हुए थे। इसके बाद लोकसभा व विधानसभा का चुनाव भी हो चुका है, लेकिन वोटर लिस्ट से आज तक भी मृतक का नाम नहीं काटा गया है। इसी प्रकार कोरोना महामारी के चलते वार्ड निवासी रविंद्र कुमार व उनकी पत्नी विजय रानी की कोरोना महामारी से मौत हो चुकी है, लेकिन वोटर लिस्ट में आज भी जिंदा है। राजकुमार सिंगला की कई साल पहले मौत हो चुकी है, वोटर लिस्ट में जीवित है। इसी प्रकार कृष्ण लाल, अमर पाल की दो पहले, कृष्णा देवी, सतीश कुमार की भी मौत हो चुकी है। वोटर लिस्ट में मतदाता बुजुर्ग परमेश्वरी की भी कोरोना महामारी से दो साल पहले मौत हो चुकी है, लेकिन वोटर लिस्ट में आज भी जिंदा है। यह तो वार्ड नंबर सात की स्थिति है, दूसरे वार्डों की वोटर लिस्ट की जांच की जाए तो ओर भी कई ऐसे मामले सामने आएंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी
रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम ब्रह्म प्रकाश ने बताया कि वोटर लिस्ट में मृतकों को जिंदा दिखाना गंभीर मामला है, इस बारे में संबंधित अधिकारियों से बातचीत करेंगे। अगर ऐसी स्थिति है तो संज्ञान लेते हुए ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, ताकि इन वोटों का भुगतान न हो।
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