मनोज वर्मा, कैथल:
132 के.वी. सीवन में पिछले लगभग 20 दिनों से आल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की, सब यूनिट सीवन के सभी कर्मचारी एसडीओ सीवन के भेदभाव व पक्षपात पूर्ण अडियल व्यहवार व गलत नीतियों के विरोध में गेट मीटिंग में नारेबाजी करके अपना रोष व्यक्त कर रहे है। कर्मचारियों और एसडीओ के बीच चल रही इस नाराजगी का मामला दिन प्रतिदिन गरमाता जा रहा है और आज एक नया मोड़ सामने आया है। गुरूवार सुबह गेट मीटिंग कर रहे कर्मचारियों को हटाने के लिए पुलिस बल को मौके पर पहुंचना पड़ा।
वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि, उन्होंने अपनी मांगों को लेकर एसडीओ सीवन को एक मांग पत्र दिया था, परंतू उनके द्वारा दिए मांग पत्र पर कोई भी ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि एसडीओ सीवन की कार्यप्रणाली काफी निंदनीय है। वह लगातार कर्मचारी विरोधी फरमान जारी कर रहे हैं। यूनियन की हमेशा मांग रही है कि, हर कंप्लेंट सेंटर पर एक नियमित कर्मचारी होना सुनिश्चित किया जाए। लेकिन एसडीओ सीवन उसके विपरीत काम कर रहे हैं। एसडीओ सीवन द्वारा जिस कंप्लेंट सेंटर पर सिर्फ एक नियमित कर्मचारी था।
उस एक नियमित कर्मचारी को उठाकर उसके बदले में वहां कच्चा कर्मचारी लगाए है। अब उस कंप्लेंट सेंटर पर कोई नियमित कर्मचारी नहीं और जानबूझकर कच्चे कर्मचारियों को टारगेट बनाया जा रहा है। जिसके बारे में कई बार एसडीओ सीवन से यूनियन ने बातचीत की, लेकिन उनके द्वारा कोई समस्या का समाधान नहीं किया गया। यूनियन इस बारे कार्यकारी अभियंता गुहला को भी पत्र लिखकर अवगत करा चुकी है। लेकिन उन्होंने भी इस मामले पर अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया है। इस रोष प्रदर्शन में यूनिट उप प्रधान जसबीर पुनिया, प्रीतम सिंह सीए, हरिचंद, पवन, उदय, कृष्ण, सतवीर जेई, वेद प्रकाश, जयपाल राणा सहित सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।
एसडीओ सीवन प्रदीप कुमार ने बताया कि, माननीय उच्च न्यायालय ने 300 मीटर के दायरे के बाहर गेट मीटिंग करने के आदेश दिए है ओर कर्मचारियों को इन आदेशों के बारे में अवगत करवाया गया है, परंतु यह फिर भी न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहे है। इस बारे में सीवन थाना प्रभारी रामलाल शर्मा ने बताया कि विद्युत विभाग सीवन द्वारा एक कोर्ट स्टे आर्डर की अवहेलना होने की सूचना प्राप्त हुई थी। जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस बल को मौके पर भेजा गया था। जहां पुलिस ने कर्मचारी को समझाकर न्यायालय के आदेशों की पालना करने के निर्देश दिए गए है।