कैथल : डीए बहाली व ठेका प्रथा को लेकर कर्मचारी हुए मुखर : रामकुमार शर्मां

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strategy against government in kaithal
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 मनोज वर्मा, कैथल :

केंद व राज्य सरकारों की जनविरोधी नीतियों एवं कर्मचारियों के लंबित मांग-मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर 15 जुलाई को राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस के मौके पर जिला सचिवालय पर प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसकी तैयारियों के लिए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के ब्लाक प्रधान रामकुमार शर्मा की अगुवाई में क्योडक, छोत व गुहणा के स्कूलों एवं पटवार भवन, सिविल सर्जन कार्यालय और भवन निर्माण विभाग में टीमें चलाई गई। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान जरनैल सिंह व जिला सचिव रामपाल शर्मा ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में केंद्र की एनडीए सरकार लगातार नव उदारीकरण की नीतियों को तेजी से लागू करते हुए कर्मचारी, किसान, मजदूर व आम जनता विरोधी फैसले ले रही है। कोरोना महामारी की आड़ में सरकार पूंजीपतियों को मुनाफा पहुंचाने के लिए देश की मेहनतकश जनता की खून पसीने की कमाई से खड़े किए गए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण कर रही है। उन्हें सरेआम बोली लगाकर बेचा जा रहा है। केंद्र सरकार का एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन की बहाली, ठेका प्रथा समाप्त कर अनुबंधित कर्मचारियों को पक्का करने की मांग को लेकर घोर उपेक्षा पूर्ण रवैया जारी है। महंगाई भत्ते पर जनवरी 2020 से रोक लगाकर कर्मचारियों के 2500 करोड़ रुपए डकार चुकी है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने प्रीमेच्योर रिटायरमेंट का सर्कुलर जारी कर कर्मचारियों पर एक और हमला बोल दिया है। इसके साथ ही पूंजीपतियों के हक में जहां श्रम कानूनों को बदल दिया गया है। वहीं खेती विरोधी कानूनों को संसद में जबरदस्ती पास कर दिया गया है। केंद्र व राज्य सरकार सार्वजनिक सेवाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, जनस्वास्थ्य, बिजली व परिवहन समेत सभी का निजीकरण कर रही है। इसके चलते जहां जन सुविधाओं में लगातार कटौती की जा रही है। वहीं रोजगार के अवसर खत्म होने से पिछले 45 सालों के इतिहास में रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी बढ़ रही है।

सर्व कर्मचारी संघ के जिला सहसचिव ओमपाल भाल, जिला प्रेस प्रवक्ता सतबीर गोयत व ब्लॉक सचिव शिवदत्त शर्मा ने कहा कि  2010 में लगे पी टी आई व ड्राइंग अध्यापकों की नौकरी को खत्म करने के बाद खेल कोटे से लगे 1518 ग्रुप डी के कर्मचारियों सहित कई विभागों के कच्चे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ट्रेड यूनियनों की लगातार माँगों के बावजूद न तो परियोजना कर्मियों व मजदूरों को 24000 रु न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है और न ही मनरेगा मजदूरों को नियमित काम व सम्मानजनक मजदूरी दी जा रही है। कृषि कानूनो को रद्द करने की मांग कर रहे किसानों की समस्या का समाधान करने की बजाय केंद्र सरकार द्वारा उन्हें प्रताड़ित करने की मानसिकता से बातचीत द्वारा कोई हल नहीं निकला जा रहा है। स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को 2 महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है और न ही उनकी हाजिरी लगवाई जा रही है। जिसे लेकर ये कर्मचारी घोर आर्थिक संकट से जूझ रहे है। अब तो उन्हें बेबजह हटाया भी जा रहा है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों की स्थानीय समस्याओं को अतिशीघ्र हल नहीं किया गया व जनविरोधी नीतियों को वापिस नहीं लिया गया तो किसानों, मजदूरों व तमाम मेहनतकश जनता को लामबंद करते हुए आंदोलन तेज किया जाएगा।

इस अवसर पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की राज्य सचिव सुशीला शर्मा, सरदूल सिंह, गुरनाम सिंह, रमेश कुमार, महेंद्र सिंह, संदीप कुमार, राजबीर शर्मा, सुरेश शर्मा, दिलबाग सिंह, कुलदीप सिंह, सुरेन्द्र मलिक, अनिता देवी, पवन शर्मा, संजीव कुमार, सिन्द्रों देवी, जोगी राम, बलदेव सिंह, सुखविंद्र पटवारी, कृष्ण ग्योंग, विनोद कुमार, शमशेर सिंह, अनुज धीमान समेत अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।