आप विधायक रहते समय केंद्र को दी थी चुनौती, भाजपा से विधायक बनते ही वापस ली

Delhi Political News (आज समाज), नई दिल्ली : समय बदलते ही हालात बदल जाते हैं। यह सब आजकल दिल्ली की राजनीति में देखने को मिल रहा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधायक रहते समय कैलाश गहलोत ने केंद्र की भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गहलोत ने आप का दामन छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली। भाजपा ने उन्हें टिकट दी और गहलोत चुनाव जीतकर भाजपा विधायक बन गए। अब विधायक बनने के बाद कैलाश गहलोत ने अपनी याचिका वापस ले ली है।

2022 में डाली थी याचिका

यह याचिका 2022 में तत्कालीन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उस वर्ष 8वें विश्व शहरों के शिखर सम्मेलन के लिए सिंगापुर की यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने की पृष्ठभूमि में दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि इस तरह के विवेक के दुरुपयोग का यह पहला मामला नहीं है और जब गहलोत ने लंदन परिवहन के निमंत्रण पर लंदन जाने की मंजूरी मांगी थी, तब केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारियों की ओर से तब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जब तक कि अनुरोध निष्फल नहीं हो गया।

याचिका में कैबिनेट सचिवालय द्वारा जारी किए गए कई कार्यालय ज्ञापनों के कार्यान्वयन को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी, जो केंद्र को राज्य सरकार के मंत्रियों को उनकी आधिकारिक क्षमता में विदेश यात्राओं की अनुमति देने या अस्वीकार करने का अधिकार देते हैं।

दिल्ली के उपराज्यपाल पर भी उठाए थे सवाल

याचिका में कहा गया था, भारतीय राजनेताओं के लिए यात्रा मंजूरी जिस मनमौजी और मनमानी तरीके से दी जा रही है, वह न केवल इस मामले में अच्छे शहरी प्रशासन के हितों के लिए बल्कि आम तौर पर वैश्विक मंचों पर राष्ट्रीय हितों के लिए भी हानिकारक है। न केवल प्रतिवादी संख्या 1 (एलजी) ने सिंगापुर यात्रा के खिलाफ सलाह देकर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर काम किया है, बल्कि ऊपर उल्लिखित कार्यालय ज्ञापन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का वास्तविक प्रयोग स्पष्ट रूप से मनमाना है और प्रतिवादियों की ओर से विवेक के अनियंत्रित और बेलगाम उपयोग को दर्शाता है।

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