दवाओं के वेयरहाउस इंचार्ज को नोटिस के निर्देश

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Stock supply and record rectified charge by doctor
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मनोज वर्मा, Kaithal News :  स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजीव अरोड़ा ने कहा कि सरकारी संस्थानों में डिलिवरी के लिए व्यापक व्यवस्था है। सभी संबंधित सीएमओ ज्यादा से ज्यादा सरकारी संस्थानों में डिलिवरी करवाएं। संज्ञान में आया है कि कुछ एएनएम गर्भवती महिलाओं को प्राईवेट अस्पताल में रेफर करने में संलिप्त होती हैै, ऐसी एएनएम के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाए। उपायुक्त व अन्य अधिकारी 15 दिनों में सीएचसी व पीएचसी का दौरा करते रहें। डॉक्टर्स ब्रांड की बजाए सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध साल्ट बेस दवाईंया मरीजों के लिए लिखें, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नही हो। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा कोयल कॉम्पलैक्स के हॉल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दे रहे थे। इस मौके पर सीएचसी कौल के एसएमओ के स्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिïगत ठीक कार्य नहीं करने व बैठक में नहीं पहुंचने आदि विषय को लेकर सस्पैंड करने के निर्देश एसीएस ने दिए। इसके साथ-साथ दवाईंयों के वेयरहाउस इंचार्ज डॉक्टर द्वारा स्टॉक सप्लाई व रिकार्ड दुरूस्त नहीं रखने पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

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कार्यरत सर्जनों की शेडयूल वाईज लगाई जाएगी डयूटी

इस अवसर पर एनएचएम के एमडी प्रभजोत सिंह, उपायुक्त डॉ. संगीता तेतरवाल, एसपी मकसूद अहमद, एमसीएच के डीजी डॉ. वीके बंसल आदि मौजूद रहे। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं की बारिकी से फीडबैक लेते हुए कहा कि जिला में जिन सीएचसी व पीएचसी में डैंटल सर्जन नहीं है, वहां जिला स्तर पर कार्यरत सर्जनों की शेडयूल वाईज डयूटी लगाई जाए। एएनएम और आशा की परफोरमैंस नजर आनी चाहिए। सिविल सर्जन सोशलाईजेशन कम करें और काम पर अधिक ध्यान दें। ड्रग कंट्रोलर एक सप्ताह में उन प्राईवेट कैमिस्ट की रिपोर्ट दें, जहां से ब्रांडेड दवाईंया ली जा रही हैं, जो सरकारी अस्पताल के डॉक्टर लिख रहे हैं, जबकि उसी साल्ट की दवाईंया सरकारी अस्पताल में मौजूद हैं तो क्यों आमजन के पैसे की बर्बादी की जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित एनीमिया, ब्लड प्रेशर चैक, टीबी मुक्त आदि अभियान केवल औपचारिकता से नहीं चलाएं, बल्कि धरातल पर भी नजर आने चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडियों में कार्यरत मजदूरों, स्लम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सैंपल लेकर टीबी की जांच की जाए।

2024 तक टीबी मुक्त करने का रखा गया लक्ष्य

हरियाणा प्रदेश को 2024 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी दिशा में अधिक से अधिक सैंपल लेकर जांच की जाए। उन्होंने मुख्यालय में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के डायरैक्टर्स को भी निर्देश दिए कि क्षेत्र में जाकर स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में किए जाने वाले सभी कार्यों की मोनिटरिंग करें। मुख्यालय से जो भी निर्देश पत्राचार के माध्यम से किया जाता है, सभी सिविल सर्जन उसे एम.ओ तक पहुंचाएं, ताकि सभी अपडेट रह सके। समीक्षा बैठक में उन्होंने आयुष विभाग द्वारा दी जा रही सेवाओं के बारे में भी फीडबैक ली और आयुर्वेद पद्धति से किए जा रहे ईलाज पर संतोष जाहिर किया। इस अवसर पर एनएचएम के एमडी प्रभजोत सिंह, उपायुक्त डॉ. संगीता तेतरवाल, एसपी मकसूद अहमद, एमसीएच के डीजी डॉ. वीके बंसल, डॉ. रणदीप पूनिया, डॉ. जेएस पूनिया, डॉ. राजौरा, सीएमओ डॉ. जयंत आहूजा, डॉ. सिमी, डॉ. अलका, डॉ. परमवीर, डॉ. निधि शर्मा, डॉ. अहलावत, डॉ नीरज मंगला, डॉ. गौरव पुनिया आदि मौजूद रहे।

एसीएस डॉ. राजीव अरोड़ा ने किया सरकारी अस्पताल का निरीक्षण

स्वास्थ्य विभाग के एसीएस डॉ. राजीव अरोड़ा ने सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिरसर के साथ-साथ सभी वार्डों, शौचालयों में साफ-सफाई की बेहत्तरीन व्यवस्था होनी चाहिए। सरकारी अस्पताल में जरूरतमंद लोग बड़ी आशा लेकर ईलाज के लिए आते हैं, उसी के अनुरूप सभी को स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने डॉक्टरों को स्पष्टï निर्देश देते हुए कहा कि डयूटी में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मरीजों को सभी दवाईयां अस्पताल से ही मिलनी चाहिए, ताकि सभी को स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ के साथ-साथ उनके धन की बचत हो। एसीएस ने अस्पताल में विभिन्न वार्डों का दौरा किया और ईलाज के लिए आए मरीजों का कुशलक्षेम भी जाना। बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की कमी को देखते हुए हरियाणा में लगभग 1250 डॉक्टरों की भर्तियों की प्रक्रिया जारी हैं। उनका परिणाम भी घोषित कर दिया गया है। इनका डोक्यूमेंट वैरीफिकेशन का काम चल रहा है। जल्द ही पूरी प्रक्रिया करके कैथल में भी डॉक्टर्स की नियुक्ति की जाएगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक सुधार होगा। इसके साथ-साथ नैशनल हैल्थ मिशन के द्वारा भी 750 सीएचओ (कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर) की भी परीक्षा के बाद परिणाम घोषित कर दिया गया है। इनका डोक्यूमेंट वैरीफिकेश का काम चल रहा है

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