Vinesh Phogat,रोहतक : पेरिस ओलम्पिक खेलों में कुश्ती इवेंट में 50 किलोग्राम भारवर्ग में फाइनल मैच से पहले 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के चलते अयोग्य ठहराई गई हरियाणा की पहलवान बेटी विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) हिंदुस्तान लौट आई हैं. यहां दिल्ली के IGI एयरपोर्ट से उनके पैतृक गांव बलाली तक वो रोड़ शो करते हुए पहुंची, जहां गांव के खेल स्टेडियम में उनका भव्य स्वागत किया गया.
विनेश फोगाट के सम्मान के लिए रोहतक निवासी फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. परमजीत मलिक ने अनोखा तरीका अपनाया, जो चारों ओर सुर्खियों में छाया हुआ है. वो झज्जर से अपने कंधों पर कांवड़ के रूप में दो टीन में 30 किलोग्राम देशी घी लेकर विनेश फोगाट को सम्मानित करने के लिए पैदल ही गांव बलाली में पहुंचे. उन्होंने झज्जर से बलाली गांव की करीब 50 किलोमीटर की दूरी एक ही दिन में तय की.
डॉ. परमजीत मलिक ने बताया कि पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के साथ जो भी हुआ, वह गलत था. भले ही विनेश फोगाट को मेडल नहीं मिला हो, लेकिन पूरे देश ने जो मान- सम्मान उन्हें दिया है, उससे उनका किरदार और अधिक ऊंचा हो गया है. बेटी विनेश का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से ही उन्होंने यह कांवड़ यात्रा निकाली है.
उन्होंने बताया कि पहलवान की डाइट में घी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसलिए उन्होंने विनेश फोगाट को घी से सम्मानित करने का मन बनाया और सुबह झज्जर से अपने कंधों पर देशी घी लेकर पैदल ही चल पड़े. विनेश ने पेरिस ओलम्पिक में दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी को पटखनी दी है. हम विनेश से आग्रह करेंगे कि वो अपने- आप को और ज्यादा मजबूत करें और 2028 के ओलंपिक खेलों में पदक जीतकर दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बने.
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