आज समाज डिजिटल, अंबाला:
EPF New Rules : प्रोविडेंट फंड- आपकी सेविंग, रिटायरमेंट प्लान भी टैक्स के दायरे में है। हालांकि, इसमें कुछ नियम जोड़े गए हैं। अभी तक प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) के कंट्रीब्यूशन या उससे मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं था। लेकिन, बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala sitharaman) ने ऐलान किया कि 2.5 लाख रुपए से ऊपर कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा। 1 अप्रैल 2022 से मौजूदा PF खातों को दो भागों में बांटा जा सकता है।
जाने कैसे लगेगा, PF खातों पर टैक्स (EPF New Rules In Hindi)
पिछले साल केंद्र सरकार ने आयकर के नए नियम अधिसूचित किए थे। अब इसके तहत पीएफ खातों को दो भागों में बांटा जाएगा। इसमें केंद्र को सालाना 2.5 लाख रुपए से अधिक के कर्मचारी योगदान के मामले में PF आय पर कर लगाया जाएगा। आसान शब्दों में कहें तो किसी ने अगर 3 लाख रुपए का निवेश किया तो अतिरिक्त 50000 रुपए पर मिले ब्याज पर टैक्स लगेगा। दरअसल, ये नए नियमों का मकसद ये है कि उच्च आय वाले लोगों को सरकारी कल्याण योजना का लाभ लेने से रोकना है।
PF के नए नियमों में ये है खास बातें मौजूदा PF खातों को कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान खातों में बांटा जाएगा। साथ ही गैर-कर योग्य खातों में उनका समापन खाता भी शामिल होगा क्योंकि इसकी तिथि 31 मार्च, 2021 है। नए PF नियम अगले वित्त वर्ष मतलब 1 अप्रैल 2022 से लागू हो सकते हैं। इसमें खास बात ये है कि 2.5 लाख प्रति वर्ष से अधिक के कर्मचारी योगदान से PF आय पर नया कर लगाने के लिए IT नियमों के तहत एक नए रूल 9D डाली गई है। कर योग्य ब्याज की गणना के लिए मौजूदा पीएफ खाते में दो अलग-अलग खाते भी बनाए जाएंगे।
छोटे व मध्यम करदाताओं को राहत (Tax Rules In EPF)
इस नए PF नियम के लागू होने के बाद ज्यादातर पीएफ सब्सक्राइबर्स को 2.5 लाख रुपए की लिमिट का फायदा मिलेगा, लेकिन छोटे और मध्यम वर्ग के करदाताओं पर नए नियम का असर नहीं पड़ेगा। यह मुख्य रूप से उच्च आय वाले कर्मचारियों को प्रभावित करेगा। अगर कर्मचारी की सैलरी कम या औसत है तो आपको इस नए नियम से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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