-नई दिल्ली से जारी रहेंगे रिश्ते बेहतर करने के प्रयास

Aaj Samaj (आज समाज), Justin Trudeau PC , ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नई दिल्ली व ओटावा के रिश्तों को फिलहाल चुनौतीपूण बताया है और उन्होंने एक बार फिर कहा है कि वह भारत के साथ तनाव बढ़ाना नहीं चाहते हैं। ओटावा में मीडिया से बातचीत में ट्रूडो ने कहा, कनाडा के लिए जरूरी है कि उसके डिप्लोमैट्स भारत में मौजूद रहें। उन्होंने कहा, हम लगातार ऐसे कदम उठाते रहेंगे, जिससे मुश्किल समय में भी भारत के साथ बेहतर रिश्ते बना सकें।

निजी स्तर पर वार्ता से सुलझाएंगे मसला : मेलेनी जोली

कनाडा की विदेश मंत्री मेलेनी जोली ने भी कहा है कि राजनयिक संकट से निकलने के लिए वह भारत के साथ निजी तौर पर बातचीत करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, हम भारत सरकार के संपर्क में हैं और हमारे लिए कनाडाई डिप्लोमैट्स की सुरक्षा बेहद जरूरी है। मेलेनी जोली ने कहा, कूटनीतिक मामलों को आपसी बातचीत से सबसे बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकता है, इसलिए हम भारत के साथ निजी स्तर पर बातचीत जारी रखेंगे।

भारत ने 41 राजनयिक कर्मचारियों को वापस बुलाने को कहा

गौरतलब है कि एक समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत ने कनाडा से उनके 41 राजनयिक कर्मचारियों को वापस बुलाने को कहा है। इन्हें भारत छोड़ने के लिए 10 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 10 अक्टूबर के बाद 41 में से कनाडा के जो राजनयिक कर्मी भारत में रह जाएंगे, उन्हें मिलने वाली छूट व अन्य लाभ (डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी) बंद कर दिए जाएंगे।

भारत में 10 अक्टूबर के बाद बचेंगे 21 कनाडाई डिप्लोमैट्स

बता दें कि भारत में कनाडा के करीब 62 राजनयिक काम करते हैं। 10 अक्टूबर के बाद केवल 21 कनाडाई डिप्लोमैट्स भारत में बचेंगे। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमने कनाडा से साफ कह दिया है कि डिप्लोमैट्स की संख्या दोनों देशों में बराबर होनी चाहिए। ये वियना कन्वेंशन के तहत जरूरी है। टूड्रो ने 18 सितंबर को भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में खटास है।

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