Justice Devendra Kumar Upadhyay: महिलाओं का जहां सम्मान होता है, वहां वास करते हैं देवता, बदलना होगा माइंडसेट

0
78
Justice Devendra Kumar Upadhyay
Justice Devendra Kumar Upadhyay: महिलाओं का जहां सम्मान होता है, वहां वास करते हैं देवता, माइंडसेट बदलें लोग

Justice DK Upadhyay On Women Respect, (आज समाज), नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने महिलाओं के सम्मान को लेकर अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि जहां महिलाओं की इज्जत होती है। उनका सम्मान किया जाता है वहां देवता वास बरते हैं। जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने कहा कि पूजा से ज्यादा महिलाओं के सम्मान की जरूरत है। लोगों को अपना माइंडसेट चेंज करना होगा।

आज भी वीमेंन को नहीं मिलता पूरा सम्मान व समानता

दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी (डीएसएलएसए) के कार्यक्रम में चीफ जस्टिस उपाध्याय ने उक्त बातें कहीं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केवी विश्वनाथन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। इसके अलावा हाई कोर्ट के कई जस्टिस उपस्थित  थे। चीफ जस्टिस उपाध्याय ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि समाज में आज भी महिलाओं को पूरी तरह सम्मान व समानता नहीं मिली है, इसलिए हमें बदलाव लाने की आवश्यकता है। कानूनी सेवाओं में बेहतरीन योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।

डीएलएसए ने शुरू की है वीरांगना परियोजना

गौरतलब है कि डीएसएलएसए ने वीरांगना परियोजना शुरू की है। इस प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं को पैरा-लीगल वालंटियर (पीएलवी) के तौर पर तैयार किया जा रहा है। दो दिन के प्रशिक्षण के बाद ये महिलाएं कानूनी सहायता कार्यों में भाग लेंगी। इस स्कीम में ट्रांसजेंडर, यौन अपराधों,महिला सेक्स वर्कर्स, बाल यौन शोषण की शिकार (अब वयस्क) महिलाएं, एसिड अटैक पीड़ित,सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य नागरिक संगठनों के सदस्य शामिल हैं।

महिलाओं के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करना भी मकसद

डीएसएलएसए के सदस्य सचिव राजीव बंसल ने कहा कि चुने हुए PLV को उनकी सेवाओं की अवधि के आधार पर भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वीरांगना परियोजना का मुख्य उद्देश्य न केवल कानूनी मदद देना है, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाना भी इस प्रोजेक्ट का मकसद है। इसके अलावा महिलाओं के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करना इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य है। राजीव बंसल के मुताबिक 250 महिलाओं में से 104 चयनित हुई, लेकिन 80 महिलाएं ही केवल प्रशिक्षण में शामिल हुर्इं। उन्होंने बताया कि डीएसएलएसए आठ मार्च तक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उत्सव मनाएगा।

40 यौन अपराध पीड़िताओं को करवाया जाएगा ये कोर्स

वीरांगना प्रोजेक्ट के जरिये दिल्ली के पूसा स्थित इंस्टीट्यूट आॅफ होटल मैनेजमेंट में 40 यौन अपराध पीड़िताओं को फूड एंड बेवरेज का कोर्स करवाया जाएगा। इसकी फीस 1.25 से 1.5 लाख रुपए है, पर संस्थान ने इसे पूरी तरह फ्री करवाने का निर्णय लिया है। आठ मार्च से यह बैच शुरू होगा। डीएसएलएसए जॉब फेयर भी लगाएगी, जहां मैनेजमेंट व हॉस्पिटैलिटी के कई आॅर्गनाइजेशन महिलाओं को रोजगार के मौके देंगे।

यह भी पढ़ें : Delhi High Court: कोचिंग सेंटर हादसे के लिए सिस्टम जिम्मेदार, एसी से बाहर नहीं निकलते अधिकारी