JP Nadda Residence Meeting: बीजेपी के सहयोगी दलों में मंत्रालयों को लेकर खींचतान, मोदी का शपथ ग्रहण 9 जून को

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JP Nadda Residence Meeting
बीजेपी के सहयोगी दलों में मंत्रालयों को लेकर खींचतान, बैठक में कई मुद्दों पर हुई चर्चा।

Aaj Samaj (आज समाज), JP Nadda Residence Meeting, नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुने जाने के बाद आज  नई सरकार के गठन पर मंथन हुआ। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दिल्ली स्थित आवास पर आयोजित एक अहम बैठक में नई सरकार बनाने, बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में जगह देने व शपथ ग्रहण की तैयारियों समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। इसके अलावा आरएसएस के साथ भी बीजेपी के नेताओं की गुरुवार को समन्वय बैठक हुई। शुक्रवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक होनी है।

  • बीजेपी संसदीय दल की बैठक कल 
  • टीडीपी का समर्थन बहुत बड़ा फैक्टर

मोदी सरकार 3.0 में 2 मंत्री पद चाहती है टीडीपी

बीजेपी के सहयोगी दलों में मंत्रालयों को लेकर खींचतान शुरू होने की खबरेें हैं। बुधवार को एनडीए के सहयोगियों ने साफ कर दिया है कि उनका पूरा समर्थन प्रधानमंत्री की अगुवाई में बनने जा रही एनडीए सरकार के साथ है, लेकिन इस बीच गुरुवार को सामने आया कि बुधवार की बैठक के बाद से ही बीजेपी के सहयोगी दलों ने मंत्रीपद के लिए अपनी डिमांड रखनी शुरू कर दी है।

लोकसभा अध्यक्ष पद की भी चाहत

सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में 16 सीटें जीतने वाली चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी मोदी सरकार 3.0 में कम से कम दो मंत्री पद चाहती है। साथ ही वह लोकसभा अध्यक्ष पद भी चाहती है। इसके अलावा टीडीपी कई मलाईदार पद चाहती है। ग्रामीण विकास, शहरी विकास मंत्रालय पर भी उसकी नजर है। इसके अलावा शिक्षा स्वास्थ्य और सिंचाई विभाग की भी मांग की जा रही है। वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री के पद की भी चाहत है। इसके साथ ही टीडीपी राज्य के लिए स्पेशल स्टेटस की भी मांग कर रही है। बता दें कि नई सरकार के लिए टीडीपी का समर्थन बहुत बड़ा फैक्टर है।

जेडीयू भी मोदी सरकार पर दबाव बनाने में जुटी

बिहार में बेहतर प्रदर्शन करने वाली नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी मोदी सरकार पर दबाव बनाने में जुट गई है। नीतीश चाहते हैं कि अग्निवीर योजना पर नए तरीके से सोचा जाए, क्योंकि इसको लेकर मतभेद हैं। ज्यादातर राजनीतिक दल इसके पक्ष में नहीं हैं। इसके अलावा जेडीयू का मानना है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) एक पेचीदा विषय है, लिहाजा सभी लोगों से इस पर व्यापक चर्चा हो। यूसीसी को लेकर शुरू से सभी राजनीतिक दलों में गतिरोध रहा है। कोई चाहता है देश में लागू किया जाना चाहिए, जबकि कई दल इसके पक्ष में नहीं है। केवल बीजेपी ही अग्निवीर व यूसीसी को लेकर अडिग है। वहीं जेडीयू ने एक देश-एक चुनाव पर सरकार को समर्थन दिया है।

सरकार में तीन बड़े मंत्रालय चाहते हैं नीतीश

इसके अलावा सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश मोदी सरकार 3.0 में तीन बड़े मंत्रालय भी चाहते हैं। उनकी रेल, कृषि और वित्त मंत्रालय पर नजर है। रेल मंत्रालय उनकी प्राथमिकता है। साथ ही उनकी भी लोकसभा अध्यक्ष पद पर नजर है। बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा भी जेडीयू की प्राथमिकता है। कहा भी जा रहा है कि मोदी की कैबिनेट इस बारबिल्कुल नई नजर आएगी और इसमें 40 नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा में नेता विपक्ष चुने जा सकते हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में उन्हें नेता चुना जाएगा।

बीजेपी के लगभग सभी मंत्री होंगे रिपीट

दिल्ली में 7 जून को बीजेपी संसदीय दल की बैठक होगी, जिसमें शामिल होने के लिए बीजेपी ने अपने सभी सांसदों व सीएम योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी शासित सभी मुख्यमंत्रियों को दिल्ली बुलाया है। यूपी के दोनों डिप्टी सीएम भी बैठक में शामिल होंगे। मोदी शुक्रवार को शाम 5 से 7 बजे के बीच सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राष्ट्रपति के पास जा सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के लगभग सभी मंत्री इस बार रिपीट होंगे। विवाद से जुड़े चेहरों के नाम मंत्री पद की सूची से काटे जा सकते हैं। चुनाव हारीं स्मृति ईरानी और राजीव चंद्रशेखर को पार्टी एक और मौका दे सकती है। इन्हें फिर से मंत्री पद मिल सकता है। स्मृति और राजीव को मंत्री बनने के बाद छह महीने के अंदर या तो किसी खाली सीट से लोकसभा चुनाव जीतना होगा या फिर उन्हें राज्यसभा भेजकर मंत्री पद दिया जा सकता है। स्मृति 2014 में भी अमेठी से हारने के बावजूद मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनी थीं। उन्हें राज्यसभा के जरिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय दिया गया था।

शुभ मुहूर्त के चलते बदली शपथ ग्रहण समारोह की तारीख

नरेंद्र मोदी आठ के बजाय अब 9 जून को शाम 6 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। पहले जानकारी मिली थी कि आठ जून को शपथ ग्रहण समारोह होगा, लेकिन गुरुवार को सामने आई जानकारी के मुताबिक अब मोदी 9 जून को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। बताया गया कि शुभ मुहूर्त के चलते शपथ ग्रहण समारोह की तारीख बदली गई है। मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी गई है। शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। विदेशी मेहमानों को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होेंगे 5 देशों के नेता

शपथ ग्रहण समारोह के लिए भारत के पड़ोसी देशों के नेताओं को न्योता भेजा जाएगा। इनमें श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड समेत मॉरीशस और भूटान के नेता शामिल होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने बुधवार को फोन करके पीएम मोदी को चुनाव जीतने पर बधाई दी थी। इसी दौरान कॉल पर मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया, जिसे विक्रमसिंघे ने स्वीकार कर लिया। वहीं बांग्लादेश की पीएम के साथ भी फोन पर बातचीत के दौरान मोदी ने उन्हें समारोह का आमंत्रण दिया है।

अकेले बहुमत होने पर बीजेपी ने अपने पास रखे थे सभी बड़े विभाग

केंद्र सरकार के 10 सबसे ताकतवर और समृद्ध मंत्रालय- गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, रेलवे, सूचना प्रसारण, शिक्षा, कृषि, सड़क परिवहन और सिविल एविएशन हैं। अकेले बहुमत होने से 2019 और 2014 में भाजपा ने सभी बड़े विभाग अपने पास रखे थे। लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं। यह बहुमत के आंकड़े (272) से 32 सीटें कम हैं। हालांकि, एनडीए ने 292 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। एनडीए में बीजेपी के अलावा 14 सहयोगी दलों के 53 सांसद हैं। गठबंधन में चंद्रबाबू की टीडीपी 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की जेडीयू 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों ही पार्टियां इस वक्त भाजपा के लिए जरूरी हैं। इनके बिना भाजपा का सरकार बनाना मुश्किल है।

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