कोलंबो। श्रीलंका प्रेस एसोसिएशन का 64वां स्थापना दिवस समारोह पूरे श्रीलंकन सभ्यता-संस्कृति के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीलंका संसद के अध्यक्ष, कारू जयसूर्या रहे। इस अवसर पर कोलंबो के श्रीलंका फांउडेशन हाल में भारत, नेपाल, पाकिस्तान सहित कई देशों के पत्रकार उपस्थित थे।
इस समारोह में दक्षिण एशियाई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व आईएफडब्ल्यूजे अध्यक्ष बी.वी. मल्लिकाजुर्नैय्या, उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी, प्रधान महासचिव परमानंद पांडे, राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस, के. असदुल्लाह सहित विभिन्न राज्यों के 15 पत्रकारों ने किया। समारोह में उत्तर प्रदेश से यूपीडब्लूजेयू अध्यक्ष भास्कर दूबे और लेखक व पत्रकार दीपक के.एस. शामिल रहे। श्रीलंका प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष मुदिता एफ. करियाकरवाणा ने भारत से आए आईएफडब्ल्यूजे के साथियों का स्वागत किया। श्रीलंका संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या को आईएफडब्ल्यूजे उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने उत्तर प्रदेश में प्रयागराज मे संपन्न हुए कुंभ के आयोजन पर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग की ओर से प्रकाशित काफी टेबल बुक भेंट की। आईएफडब्ल्यूजे की उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, उड़ीसा, असम, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु इकाई के साथियों के अलावा कई अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में शामिल होकर अन्तरराष्ट्रीय मंच पर कलम की आवाज को बुलंद किया।
इस समारोह में दक्षिण एशियाई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व आईएफडब्ल्यूजे अध्यक्ष बी.वी. मल्लिकाजुर्नैय्या, उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी, प्रधान महासचिव परमानंद पांडे, राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस, के. असदुल्लाह सहित विभिन्न राज्यों के 15 पत्रकारों ने किया। समारोह में उत्तर प्रदेश से यूपीडब्लूजेयू अध्यक्ष भास्कर दूबे और लेखक व पत्रकार दीपक के.एस. शामिल रहे। श्रीलंका प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष मुदिता एफ. करियाकरवाणा ने भारत से आए आईएफडब्ल्यूजे के साथियों का स्वागत किया। श्रीलंका संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या को आईएफडब्ल्यूजे उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने उत्तर प्रदेश में प्रयागराज मे संपन्न हुए कुंभ के आयोजन पर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग की ओर से प्रकाशित काफी टेबल बुक भेंट की। आईएफडब्ल्यूजे की उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, उड़ीसा, असम, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु इकाई के साथियों के अलावा कई अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में शामिल होकर अन्तरराष्ट्रीय मंच पर कलम की आवाज को बुलंद किया।