Journalists arrested as members of PFI: PFI के सदस्य बता गिरफ्तार किये गये पत्रकार

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस ने मथुरा में एक पत्रकार और तीन अन्य लोगों को तब गिरफ्तार किया, जब वे हाथरस में बर्बर मारपीट और कथित गैंगरेप का शिकार हुई दलित महिला के घर जा रहे थे.पुलिस ने गिरफ्तार लोगों की पहचान मलप्पुरम के सिद्दीकी कप्पन, मुजफ्फरनगर के अतीक-उर रहमान, बहराइच के मसूद अहमद और रामपुर के आलम के रूप में की है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को कहा था कि उसने मथुरा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे संबद्ध संगठनों से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया है.गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद केरल के एक प्रमुख पत्रकार संगठन ने सिद्दीकी कप्पनको लेकर कहा कि वह दिल्ली के एक वरिष्ठ पत्रकार हैं. केरल के प्रमुख पत्रकार संगठन ने कप्पन को  जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की है. ‘केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स’ (केयूडब्ल्यूजे) की दिल्ली इकाई ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि कप्पन पत्रकार संगठन के सचिव हैं और एक रिपोर्टर के तौर पर अपना काम करने की कोशिश कर रहे थे.आदित्यनाथ को भेजे इस पत्र पर केयूडब्ल्यूजे की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मिजी जोस ने हस्ताक्षर किए हैं.पत्र में कहा गया कि वह हाथरस जिले में 19 वर्षीय दलित युवती से कथित बलात्कार और उसकी मौत के बाद की स्थिति पर समाचार देने के लिए वहां जा रहे थे.केयूडब्ल्यूजे ने कहा, ‘कई मलयालम मीडिया घरानों के लिए काम करने वाले दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार सोमवार सुबह हाथरस गए थे ताकि क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर समाचार दे सकें.’केयूडब्ल्यूजे ने कहा, ‘हमें लगता है कि कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस टोल प्लाजा पर हिरासत में लिया. हमने और दिल्ली के कुछ वकीलों ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई सफल नहीं हो पाया.’उसने कहा कि हाथरस पुलिस थाने और राज्य पुलिस ने भी अभी तक कप्पन को हिरासत में लेने से जुड़ी कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई है.

केयूडब्ल्यूजे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि ‘कप्पन एक रिपोर्टर के तौर पर अपना काम करने की कोशिश कर रहे थे. हम आपसे उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की अपील करते हैं.’केयूडब्ल्यूजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ऐसा ही पत्र लिखा है जिसमें उनसे कप्पन की रिहाई का आदेश देने का आग्रह किया गया है.इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार लोगों से उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप और कुछ साहित्य भी जब्त किए गए हैं जो शांति और कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकते थे. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी एक बयान जारी कर बिना किसी देर के कप्पन को रिहा करने को कहा है.इस बयान में कहा गया, ‘यह हमारी आशंका है कि योगी आदित्यनाथ सरकार दुखद हाथरस घटना को षड्यंत्र बताते हुए पुलिस और प्रशासन के संदिग्ध और संभवतया आपराधिक कामों से ध्यान हटाने के लिए विषय बदलने की रणनीति अपनाएगी.’ प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने यह भी कहा कि केरल के पत्रकार की गिरफ़्तारी को यूपी सरकार को मीडिया को उसका काम करने से रोकने के तौर पर देखा जाना चाहिए.