JN.1 Covid Sub-Variant: भारत में भी कोरोना के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 की स्थिति गंभीर, कोविड-19 के 358 नए केस

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JN.1 Covid Sub-Variant
भारत में गंभीर होती जा रही कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 की स्थिति

Aaj Samaj (आज समाज), JN.1 Covid Sub-Variant, नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों की तरह भारत में भी कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 की स्थिति गंभीर होती जा रही है, जिसको लेकर केंद्र व राज्य सरकारें अलर्ट हो गई हैं। साथ ही क्रिसमस और नए साल के जश्न से पहले, देश में कोरोना भी गंभीर होता जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों में देश में कोरोना के 358 नए मामले सामने आए, जिसमें से अकेले केरल में 300 मामले मिले  हैं। इस दौरान देश में कोरोना से 6 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें कर्नाटक में 2, पंजाब में एक और केरल से 3 मौत हुई है। उधर जेएन.1 को लेकर भारत के कोविड-19 जीनोमिक सिक्वेंसिंग कंसोर्टियम इंसाकॉग द्वारा बुधवार को अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो हफ्तों में एकत्रित किए गए सभी सैंपल में इस नए सब-वैरिएंट के लक्षण पाए गए हैं।

  • केरल में मिला था इस माह जेएन.1 पहला मामला
  • अकेले केरल में कोविड-19 300 मामले मिले
  • अस्पतालों में हर 3 माह में मॉक ड्रिल के निर्देश

देश में कोरोना के 2669 केस एक्टिव, पंजाब में छह

देश में फिलहाल कोरोना के 2669 एक्टिव केस हैं, जिनमें से अकेले केरल में 2341 मामले सक्रिय हैं। देश की राजधानी दिल्ली में 3, गोवा में 19, गुजरात में 23, कर्नाटक में 92, महाराष्ट्र में 45, मध्य प्रदेश में 3, पंजाब में 6, पुडुचेरी में 22, तमिलनाडु में 89, तेलंगाना में 14, उत्तर प्रदेश में 3, राजस्थान में 2 और असम में 1 मामला एक्टिव है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में आज कोरोना के 2 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 6 संक्रमितों की मौत हो गई।

जेएन.1 के देश में अब तक 21 मामले

कोरोनो वायरस संक्रमण में लगातार वृद्धि के बीच, देश भर में अब तक नए सब-वैरिएंट जेएन.1 के 21 मामलों का पता चला है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, घबराने की कोई जरूरत नहीं है। जेएन.1 के 21 मामलों में से 19 गोवा में और एक-एक मामला केरल और महाराष्ट्र में सामने आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, केरल, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक सहित राज्यों में कोविड सकारात्मकता दर में वृद्धि हुई है जिसको लेकर केंद्र व राज्य सरकारें अलर्ट हो गई हैं।

अस्पतालों में हर 3 माह में मॉक ड्रिल के निर्देश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से परीक्षण बढ़ाने और सीक्वेंस के लिए डेली बेसिस बड़ी संख्या में कोरोना और निमोनिया जैसी बीमारियों के सैंपल को इंसाकॉग को भेजने का आग्रह किया। मनसुख मांडविया ने बैठक में भी यह भी सुझाव दिया कि अस्पतालों में हर 3 महीने में मॉक ड्रिल आयोजित की जानी चाहिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वे कोरोना की स्थिति गंभीर होने पर तैयार रहें। बता दें कि जेएन.1 का पहला मामला 8 दिसंबर, 2023 को केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम में मिला था। सफदरजंग अस्पताल (दिल्ली) में पल्मोनरी मेडिसिन के प्रमुख डॉ. रोहित कुमार ने बुधवार को कहा, हम हाई अलर्ट पर हैं, कोविड परीक्षण कर रहे हैं और जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेज रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ ने दी थी निगरानी रखने की सलाह

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस साल मई में ऐलान किया था कि कोरोना अब हेल्थ इमरजेंसी नहीं है, लेकिन सभी देश इसके बदलते स्वरूप पर निगरानी बनाए रखें। मंगलवार को, डब्ल्यूएचओ ने जेएन.1 को वैरिएंट आॅफ इंटरेस्ट के तौर पर नामित किया, पर साथ में यह भी बताया कि नए सब-वैरिएंट मौजूदा परिस्थिति में खतरनाक नहीं है और पब्लिक हेल्थ रिस्क कम है। यानी कि मौजूदा उपचार के साथ-साथ दी जा रही वैक्सीन लोगों को गंभीर संक्रमण होने से रोकने में मददगार है।

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