चंडीगढ़। स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने से सरकार बनाने के लिए लगातार जूझ रही बीजेपी को आखिरकार जेजेपी ने समर्थन दे दिया। हालांकि सभी निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को पहले ही समर्थन दे दिया था । लेकिन बीजेपी लगातार स्थायी समाधान में जुटी थी। दिन भर चली चर्चाओं के बाद शाम चार बजे हुई जेजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से काफी हद तक साफ हो गया था कि जेजेपी सरकार बनाने के लिए बीजेपी को समर्थन दे देगी। देर शाम जेजेपी लीडर दुष्यंत की बेजेपी नेताओं से मीटिंग शुरू हुई, बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर से उनकी भी उनकी मुलाकात हुई । इसके बाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ भी दुष्यंत की मीटिंग हुई और सीएम मनोहर लाल व बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। बैठक में संयुक्त रूप से सरकार बनाने पर सहमति बनी।अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जेजेपी को डिप्टी सीएम का पद दिया जाता है और ये पारस्परिक सहमति से हुआ है। वहीं दुष्यंत ने कहा कि प्रदेश के हित के लिए साथ आना जरुरी था व स्थायी सरकार के लिए जरूरी था।
अमित शाह से मीटिंग के बाद सब स्पष्ट हुआ
करीब एक घण्टे तक अमित शाह के आवास पर बैठक चली , जिसमें दोनों पक्षों में सहमति बनी। बैठक में अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार मामला इस बात पर उलझा था की जेजेपी को सरकार में कितनी हिस्सेदारी मिलेगी।
जेजेपी की रणनीति सफल रही
दिन भर कयास चले कि जेजेपी क्या बीजेपी के साथ आएगी, लेकिन जानकारी के अनुसार दोनों पक्ष लगातर इस मंथन में जुटे थे कि ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले।बीजेपी चाहती थी कि समर्थन तो मिल जाए लेकिन ज्यादा शर्तें न हों तो वहीं जेजेपी भी हर संभव कोशिश कर रही थी कि बीजेपी पर दबाव बनाएं जिसमें काफी हद तक दुष्यंत सफल रहे और बदले में उनको समझौते के तहत डिप्टी सीएम का पद बीजेपी ने आफर किया। साथ में अब ये भी तय की जेजेपी के हिस्से कई मंत्री पद भी आएंगे ।