Union Minister Jitendra Singh, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि चंद्रयान मिशन-4 की लॉचिंग 2027 में की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसमें उच्च क्षमता के एलवीएम 3 रॉकेट दो अलग-अलग प्रक्षेपण के बाद पांच अलग-अलग घटकों के साथ कक्षा में भेजे जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि चंद्रयान-4 मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की चट्टानों के नमूने एकत्रित करके उन्हें पृथ्वी पर वापस लाना है।

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2026 में समुद्रयान के प्रक्षेपण की तैयारी

जितेंद्र सिंह ने बताया कि अगले वर्ष यानी 2026 में समुद्रयान के प्रक्षेपण की भी तैयारी है। समुद्रयान के जरिये 3 साइंटिस्ट एक पनडुब्बी 6000 मीटर की गहराई में जाएंगे। इस मिशन का उद्देश्य समुद्र तल में दुर्लभ धातुओं, महत्वपूर्ण खनिजों व अज्ञात समुद्री जैव विविधताओं का पता लगाना है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस में समुद्रयान मिशन का जिक्र किया था।

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गगनयान मिशन भी किया जाएगा लॉन्च

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक साल 2026 में गगनयान मिशन भी लॉन्च किया जाएगा। मानव रहित मिशन वाली इस परियोजना के तहत विशेष यान से अंतरिक्ष यात्री स्पेस में स्थित पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजे जाएंगे। इसके बाद उन्हें सुरक्षित धरती पर वापस लाया जाएगा। मंत्री ने बताया कि गगनयान में रोबोट व्योम मित्र शामिल है।

स्पेस इकोनॉमी का मूल्य 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर

जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत की स्पेस इकोनॉमी का मौजूदा मूल्य 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर है और आने वाले दशक तक 44 बिलियन डॉलर तक जा सकती है। इससे वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत महाशक्ति के तौर पर सामने आएगा। बीते एक दशक में हुए सुधारों के बाद प्राइवेट सेक्टर की भी स्पेस सेक्टर में एंट्री हुई है और इसने अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ निवेश व नवाचार को बढ़ाया है।

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