Haryana News: जितेंद्र बघेल हरियाणा में कांग्रेस के सह प्रभारी नियुक्त

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जितेंद्र बघेल हरियाणा में कांग्रेस के सह प्रभारी नियुक्त
Haryana News: जितेंद्र बघेल हरियाणा में कांग्रेस के सह प्रभारी नियुक्त

दीपक बाबरिया के पद छोड़ने की पेशकश के बाद कांग्रेस हाईकमान ने लिया फैसला
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही कांग्रेस में उठ रही बदलाव की मांग पर पार्टी हाईकमान ने गौर करना शुरू कर दिया है। लगता है कांग्रेस में बदलाव का दौर शुरू हो गया है। इसी कड़ी में कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में नया सह प्रभारी नियुक्त किया है। प्रदेश सह प्रभारी की जिम्मेदारी अब जितेंद्र बघेल को सौंपी गई है। आपको बता दें की हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कांग्रेस हाईकमान के समक्ष इस्तीफे की पेशकश की थी।

जिस पर गौर करते हुए कांग्रेस हाईकमान ने जितेंद्र बघेल को हरियाणा का सह प्रभारी नियुक्त किया है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जितेंद्र बघेल की नियुक्ति बहुत की गुपचुप तरीके से की गई है। जितेंद्र बघेल को हरियाणा कांग्रेस का सह प्रभारी नियुक्त किए करीब 10 दिन हो चुके है। लेकिन उनकी नियुक्ति की खबर गत दिवस लगी। जब वहै दिल्ली में हो रही कांग्रेस की चुनाव में हार के कारण जानने को बनी 8 मेंबर कमेटी की बैठक में पहुंचे। इस बैठक में जितेंद्र बघेल ने आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। जितेंद्र बघेल अब 9 नवंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में मौजूद रहेंगे और चुनाव हारने वाले नेताओं से बातचीत करेंगे और फीडबैक लेंगे।

जितेंद्र बघेल को कांग्रेस हरियाणा प्रभारी की कमान सौंप सकती है। जितेंद्र बघेल ने राजनीतिक करियर की शुरूआत कांग्रेस से ही की है। वह छात्र संघ चुनाव के जरिये कांग्रेस में आए और गुजरात सहित कई राज्यों में कांग्रेस संगठन का काम कर चुके हैं।

सभी हारे हुए प्रत्याशियों से की जाएगी बातचीत

गत दिवस दिल्ली में हुई हार के कारणों का पता लगाने वाली कमेटी की बैठक की अध्यक्षता हरियाणा के सह प्रभारी जितेंद्र बघेल और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने की। मीटिंग में कमेटी के चेयरमैन करण सिंह दलाल भी मौजूद रहे। बैठक को संबोधित करते हुए जितेंद्र बघेल ने सभी हारे हुए नेताओं बुलाने की बात कही है। इसलिए कमेटी की अगली बैठक 9 नवंबर को फिर से होंगी। बैठक में चुनाव हारने वाले सभी प्रत्याशी मौजूद रहेंगे। इन नेताओं से न केवल हार के कारण पूछे जाएंगे, बल्कि इनके सबूत भी मांगे जाएंगे।

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