चंडीगढ़: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, रिलायंस जियो वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर तिमाही में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) में हरियाणा में शीर्ष दूरसंचार सेवा प्रदाता बना रहा। अप्रैल-जून तिमाही में भी जियो एजीआर में शीर्ष पर था और जुलाई-सितंबर तिमाही में जियो ने 280.87 करोड़ रुपये के एजीआर के साथ, राज्य में कुल राजस्व बाज़ार हिस्सेदारी (आरएमएस) का 58.08 प्रतिशत हिस्सा हासिल कर अपने नेतृत्व को और मजबूत किया है ।
एजीआर के मामले में जियो का आरएमएस, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड से लगभग 3 गुना है। 97.12 करोड़ रुपये के एजीआर और 20.08 प्रतिशत आरएमएस के साथ, वोडाफोन आइडिया हरियाणा में दूसरे स्थान पर है ।
राज्य में वोडाफोन आइडिया का एजीआर अप्रैल-जून तिमाही में 98.87 करोड़ रुपये से घटकर जुलाई-सितंबर तिमाही में 97.12 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं अप्रैल-जून तिमाही में एयरटेल का एजीआर 82.33 करोड़ रुपये से घटकर जुलाई-सितंबर तिमाही में 70.14 करोड़ रुपये हो गया। 14.50 प्रतिशत के आरएमएस के साथ, एयरटेल हरियाणा में तीसरे स्थान पर है।
58.08 प्रतिशत आरएमएस के साथ, रिलायंस जियो ने हरियाणा में अपनी सेवाओं के संचालन के तीन सालों में ही आधे से अधिक राजस्व बाज़ार हिस्सेदारी प्राप्त कर ली है। हरियाणा में लगातार सब्सक्राइबर जोड़ने वाली जियो ने सितंबर में भी ट्राई की नवीनतम सब्सक्राइबर डेटा रिपोर्ट के अनुसार, अपनी बढ़त जारी रखी। हरियाणा दूरसंचार बाज़ार में 87.77 लाख ग्राहकों के साथ, जियो की ग्राहक बाज़ार हिस्सेदारी 31.06 प्रतिशत है। 850 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंडो में एलटीई स्पैक्ट्रम के संयोजन के साथ रिलायंस जियो हरियाणा के दूरस्थ क्षेत्रों समेत सभी 22 जिलों को कवर करता है। जियो की क्षमता और प्रौद्योगिकी के मामले में अन्य ऑपरेटरों पर एक अद्वितीय बढ़त है क्योंकि जियो ने सबसे उन्नत और अत्याधुनिक ऑल आईपी नेटवर्क में निवेश किया है ताकि वह अपने ग्राहकों को बाधारहित वॉयस और डेटा सेवाएं प्रदान कर सके।