Hisar News (आज समाज) हिसार: देश के बड़े स्टील कारोबारी और हरियाणा के कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल ने हिसार भाजपा के नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। नवीन जिंदल ने हिसार पहुंचकर कहा कि हिसार से मेरा अलग ही लगाव है। जब भी हिसार की सेवा का मौका मिलेगा जिंदल परिवार उसको अपना सौभाग्य मानेगा। जहां तक हिसार विधानसभा से चुनाव लड़ने की बात है तो इसका फैसला भाजपा हाईकमान करेगा। पार्टी का जो भी निर्णय होगा हम पार्टी के साथ हैं। नवीन के बयान से भाजपा के टिकट दावेदारों की चिंता बढ़ गई है। हिसार भाजपा की सबसे सेफ सीट मानी जाती है। यहां 10 साल से इखढ बड़े मार्जिन से जीत रही है। हिसार से मेयर सीट पर भी पार्टी का कब्जा रहा है। ऐसे में यहां टिकट के दावेदार भी हैं। मगर नवीन जिंदल की भाजपा में एंट्री के बाद से ही हिसार सीट को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। हिसार में नवीन जिंदल ने यह बयान देकर और हलचल पैदा कर दी है कि भाजपा जो भी जिम्मेदारी देगी जिंदल परिवार उसे मानेगा। बता दें कि नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल और पिता ओपी जिंदल हिसार से विधायक रह चुके हैं और उनका हिसार में मजबूत जनाधार माना जाता है। लोकसभा चुनाव से पहले नवीन और उनकी मां ने भाजपा जॉइन की थी।
हिसार में लंबे समय तक सक्रिय रहा है जिंदल परिवार
जिंदल परिवार ने लंबे समय तक कांग्रेस में रहकर राजनीति की है। नवीन जिंदल के पिता ओमप्रकाश जिंदल 1991 में हिसार से विधायक बने थे। इसके बाद कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए। 2004 में ओपी जिंदल ने कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल को चुनाव लड़वाया और खुद हिसार से इसी साल विधानसभा चुनाव लड़ा। दोनों सीटें जिंदल परिवार ने जीतीं। प्रदेश में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार में ओपी जिंदल को उर्जा मंत्री बनाया गया। मंत्री बनने के एक महीने बाद ही 31 मार्च 2005 को ओपी जिंदल की हेलिकॉप्टर क्रैश होने की वजह से मौत हो गई थी। इसके बाद 2005 में हिसार सीट पर उपचुनाव हुआ और यहां से कांग्रेस ने ओपी जिंदल की पत्नी सावित्री जिंदल को चुनाव लड़ाया और वह जीत भी गईं। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल फिर से कांग्रेस की टिकट पर सांसद बने और सावित्री जिंदल हिसार सीट से विधायक चुनी गईं। दूसरे टर्म में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने मंत्रिमंडल में सावित्री जिंदल को शामिल किया। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में नवीन जिंदल और उसी साल हुए विधानसभा चुनाव में उनकी मां सावित्री जिंदल हार गईं। इसके बाद जिंदल परिवार राजनीति की लाइमलाइट से दूर हो गया। 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जिंदल परिवार की तरफ से कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ा। कांग्रेस ने सावित्री जिंदल का टिकट काटकर सैलजा के करीबी राम निवास राड़ा को टिकट दे दिया। इस चुनाव में जिंदल परिवार ने दूरी बना ली और राड़ा इखढ के डॉ. कमल गुप्ता से चुनाव हार गए। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थी कि जिंदल परिवार भाजपा में शामिल हो सकता है।