(Jind News ) जींद। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जो बजट पेश किया है, उसमें कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है। हरियाणा कर्मचारी महासंघ के पूर्व प्रदेश मुख्य संगठन सचिव अनूप लाठर ने कहा कि बजट से पहले देश का हर वर्ग काफी उम्मीदें लगाए हुआ था। कर्मचारी वर्ग को भी अपने भविष्य के लिए बजट से कई अपेक्षाएं थी। जिसमें पुरानी पेंशन बहाली, टैक्स स्लैब में बदलाव और आठवें वेतन आयोग के गठन, विभागों में पक्के रोजगार के अवसर पैदा करने हेतु उचित कदम उठाने की उम्मीद थी। परंतु जब वित्त मंत्री ने लोकसभा में सरकार का बजट पेश किया तो इन मांगो पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। देश के 90 लाख कर्मचारियों की ओपीएस बहाल ना करके उनकी उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है।
प्रत्येक विभाग के कर्मचारी, अधिकारी, बुढ़ापे में पेंशन न होने के कारण अपने भविष्य के प्रति काफी चिंतित
देश के लाखों पैरामिलिट्री के जवान हर तरह की विपरीत परिस्थियों का सामना करते हुए देश और देश की जनता की रक्षा करते हैं और उनको पेंशन और ओपीएस में मिलने वाली मेडिकल सुविधाएं, महंगाई भत्ता आदि से वंचित रखा जा रहा है। इसी प्रकार प्रत्येक विभाग के कर्मचारी, अधिकारी, बुढ़ापे में पेंशन न होने के कारण अपने भविष्य के प्रति काफी चिंतित हैं। कर्मचारी वर्ग चाहता था कि टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए टैक्स भरने वालों को राहत दी जाएगी। परंतु इस तरफ भी उचित कार्य न करते हुए सरकार से कर्मचारियों को निराशा ही झेलनी पड़ी है। प्रत्येक 10 साल बाद वेतन आयोग का गठन किया जाता है और उसकी रिपोर्ट अनुसार महंगाई भत्ते के साथ साथ अन्य भत्तों में संशोधन करते हुए कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन में वृद्धि के लिए नए मानदंड निर्धारित किए जाते थे। परंतु सरकार द्वारा बजट सत्र में वेतन आयोग के गठन से मना करने के कारण कर्मचारी वर्ग में काफी रोष व्याप्त हो गया है।
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