- आयुर्वेद का उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखना : सीएमओ
(Jind News) जींद। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में मंगलवार को विश्व आयुर्वेद दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमओ डा. गोपाल गोयल ने की जबकि कार्यक्रम में डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, वरिष्ठ चिकित्सक डा. जेके मान रहे। कार्यक्रम में डा. पालेराम, डा. अरविंद, डा. विजेंद्र ढांडा, डा. रमेश पांचाल मौजूद रहे और सभी ने मिलकर अस्पताल परिसर में पौधारोपण भी किया।
सीएमओ डा. गोपाल गोयल ने कहा कि हर वर्ष 29 अक्टूबर को भगवान धन्वंतरी का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। इसलिए इसे धनवंतरी जयंती के तौर पर भी मनाया जाता है। साथ ही आज के दिन को आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस वर्ष स्वास्थ्य दिवस का थीम है मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार। यह थीम हर किसी के लिए हर जगह आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और सूचना तक पहुंच के साथ-साथ सुरक्षित पेयजल, स्वच्छ हवा, अच्छा पोषण, गुणवत्तापूर्ण आवास, सभ्य कार्य और पर्यावरण की स्थिति और भेदभाव से मुक्ति के मौलिक मानव अधिकार पर जोर देती है।
आयुर्वेद का उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखना है
डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि आयुर्वेद का उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखना है ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और शरीर को रोगों से लडऩे और उन्हें ठीक करने की क्षमता विकसित करने में सक्षम बनाया जा सके। यह शरीर के उन अंगों और ऊतकों की मरम्मत करने में मदद करता है जो रोग और उससे उत्पन्न असंतुलन के कारण प्रभावित हो गए हों। डा. भोला ने बताया कि राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस धन्वंतरि जयंती पर मनाया जाता है। जो धनतेरस का दिन होता है। धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार हैं और धनतेरस के दिन उनकी पूजा की जाती है।
आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है और धन्वंतरि को आयुर्वेद के देवता के रूप में माना जाता है। इस दिन अस्पतालों और आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों में धन्वंतरि की पूजा की जाती है और विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की जाती है। डा. जेके मान ने कहा कि आयुर्वेद स्वस्थ वजन बनाए रखने, पाचन में सुधार करने, ऊर्जा बढ़ाने, तनाव कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। आयुर्वेद के प्रमुख लाभों में से एक यह है कि स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों के उपचार में, यह प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत संरचना को ध्यान में रखता है।
आयुर्वेदिक तकनीकों को शामिल करके कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्तए आयुर्वेद स्वस्थ वजन बनाए रखने, पाचन में सुधार करने, ऊर्जा बढ़ाने, तनाव कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। बीएएमएस डा. कार्तिक ने कहा कि आयुर्वेद मधुमेह, हृदय रोग, अस्थमा और गठिया जैसी दीर्घकालिक बीमारियों से निपटने की क्षमता इससे सबसे अधिक लाभान्वित होती है। हम अपने दैनिक जीवन में आयुर्वेदिक पौधों के महत्व को शामिल करके अपने समग्र स्वास्थ्य में बहुत सुधार कर सकते हैं। लगातार व्यायाम, योग और ध्यान से आपकी शारीरिक और भावनात्मक भलाई भी बढ़ सकती है। कार्यक्रम में बीएएमएस डा. सिमरन, डा. राशु, डा. आशीष मौजूद रहे।
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