- प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए जताया रोष
(Jind News) जींद। मनरेगा की मजदूरी कटने पर अकालगढ़ गांव के मजदूर बीडीपीओ कार्यालय पहुंचे। कार्यालय में मजदूरों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए रोष प्रकट किया। मजदूरों की मांग है कि उनकी काटी गई दिहाड़ी वापस उनके खातों में डाली जाए।
दिहाड़ी कटने से लगभग 35 हजार रुपये का नुकसान मजदूरों को हुआ
अकालगढ़ गांव के मनरेगा मजदूर राज, सुरजभान, सोनू, दिनेश, गीता, प्यारी, माया, रेखा आदि ने बताया कि उन्होंने मनरेगा के तहत काम किया था। काम की एमबी भरने के बाद भी उनकी 140 रुपये प्रति दिन की मजदूरी काट ली गई। मनरेगा के तहत 255 दिहाड़ी बनती हैं। दिहाड़ी कटने से लगभग 35 हजार रुपये का नुकसान मजदूरों को हुआ है। मजदूरों की मांग है कि उनकी काटी गई मजदूरी दी जाए ताकि मजदूरों को कोई परेशानी ना हो।
एबीपीओ जुलाना अनिल कुमार ने बताया कि मनरेगा हाजिरी के बेस पर नही हैए परफॅार्मेंस आधारित है। एक दिन में जितना काम दिया जाता है। मजदूर को वह काम पूरा करना होता है। अगर मजदूरों ने काम ही पूरा नही किया तो दिहाड़ी कैसे मिल सकती है। फेक्टर के तहत जितना काम किया है, उसकी की मजदूरी दी जाती है।
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