- 40वें गन्ना पेराई सत्र का हवन में आहुति डालकर विधिवत तौर पर किया शुभारंभ
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्ग दर्शन में एमएसपी पर खरीदी जा रही 24 फसलें
(Jind News) जींद। सहकारिता, कारागार, विरासत व पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी में हरियाणा किसानों को आर्थिक तौर पर सम्पन्न बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। आज हरियाणा सरकार न केवल किसानों का दाना-दाना खरीद रही है बल्कि 72 घंटे के अंदर उसका भुगतान भी कर रही है।
गन्ना पेराई सत्र किसानों के लिए उत्सव की तरह
हमें मिलकर पुराने किसानों को दोबारा से शुगर मिल से जोडऩे के लिए मुहिम चलानी है। जिसमें शुगर फेडरेशन, मिल प्रबंधन और जनप्रतिनिधि मिलकर काम करेंगे। गुरूवार को को सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने झांझ कलां स्तिथ द जींद सहकारी चीनी मिल जींद के 40वें पेराई सत्र 2024-25 का हवन में आहुति डाल कर व मिल चेन पर गन्ना डालकर विधिवत तौर पर शुभारंभ किया। कैबिनेट मंत्री डा. अरविंद शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि गन्ना पेराई सत्र किसानों के लिए उत्सव की तरह होता है। चार दशक पुरानी जींद शुगर मिल से किसानों का पुराना जुड़ाव रहा है।
आज हमें गन्ने के होते रकबे को बढ़ाने के लिए सभी पुराने गन्ना उत्पादकों को जोडऩे का काम करना होगा। उन्होंने शुगर फेडरेशन के अधिकारियोंए मिल प्रशासन के साथ.साथ जनप्रतिनिधियों से भी आह्वान किया कि वो किसानों को गन्ना बिजाई के लिए प्रेरित करें। विशेषकर जो किसान पहले गन्ना उत्पादन कर चुके हैंए उन्हें अपने साथ नए सत्र में जोडऩे के लिए मिलकर काम करना होगा।
सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि आज हरियाणा न केवल किसानों को बेहतर गन्ना भाव दे रहा हैए अपितु समय पर भुगतान की भी व्यवस्था कर रहा है। उन्होंने कहा कि जींद शुगर मिल प्रबंधन 15 दिन की बजाय एक सप्ताह में किसानों को गन्ना फसल का भुगतान करने का प्रयास करेंए ताकि किसानों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। दी जींद सहकारी चीनी मिल गन्ना किसानों के हितों में निरंतर कार्य कर रही है।
मिल ने कई बार राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न आयामों पर पुरस्कार हासिल किए हैं। इसके साथ-साथ किसानों को गन्ने की अच्छी वैरायटी की पैदावार के लिए समय-समय पर जागरूक करने का कार्य किया जाए ताकि चीनी की रिकवरी ठीक आए और उत्पादन भी बेहतर हो।
उन्होंने किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि गन्ने की फसल को साफ-सुथरा करके लाएं ताकि फसल बेचने में कोई परेशानी नहीं हो और रिकवरी भी ठीक हो। किसानों की सुविधा के लिए चीनी मिल में सीजन के दौरान कैंटीन के माध्यम से 10 रुपये प्रति थाली भोजन मुहैया करवाया जाएगाए इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आज ही कैंटीन को दोबारा से शुरू कर दिया जाए।
घर बैठे ही किसान टोकन लेकर अपनी गन्ने की ट्राली लेकर आ सकता है
अब मिल में एडवांस टोकन सिस्टम मोबाइल एप के माध्यम से घर से ही किसान टोकन लगवा कर अपनी ट्राली ला सकता है। पूरी पारदर्शी व्यवस्था से पिराई सत्र का कार्य संपन्न होगा। इस कार्य में कोई भी अधिकारी कोताही न बरतें। किसानों की सुविधा के लिए ठहरने, पानी, बिजली, शौचालय जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं की गई हैं।
उन्होंने किसानों से भी आह्वन किया कि मिल प्रबंधन के साथ तालमेल बनाकर गन्ना फसल बेचने का कार्य करेंए ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी नही हो। उन्होंने गन्ना उत्पादक किसानों से रूबरू होते हुए कहा कि यह मिल किसानों की अपनी मिल है। इसलिए किसानों को मिल के नफे व नुकसान को लेकर पूरा ख्याल रखना चाहिए।
शुगर मिलों को मॉर्डन बनाने के लिए सरकार कर रही प्रयास : धर्मबीर
हरियाणा शुगर मिल्ज के चेयरमैन धर्मबीर डागर ने कहा कि प्रदेश के शुगर मिलों को मॉर्डन बनाने के लिए सरकार अथक प्रयास कर रही है। गन्ना उत्पादक किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार द्वारा मजबूत कदम बढ़ाये जा रहे हैं। इसके लिए चीनी मिलों का सुचारू संचालन बेहद जरूरी है।
जिसके लिए नये प्रयोग और प्रयास किये जा रहे हैं। गन्ना उत्पादकों की आमदनी बढ़ाने के लिए हरियाणा की सभी चीनी मिलों में एथनॉल प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के पुराने गन्ना किसानों को मिल से जुडऩा होगा और गन्ना की बिजाई के लिए प्रेरित करना होगा। किसानों को निर्धारित समय सीमा से कम समय में गन्ने की पेमेंट करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
मिल की पेराई क्षमता बढी : प्रवीन कुमार
एमडी शुगर मिल प्रवीन कुमार ने कहा कि शुगर मिल में हमेशा ही किसानों का अच्छा सहयोग रहा है। पेराई सत्र 2024-25 के दौरान मिल द्वारा 25 लाख क्विंटल गन्ने की बोंडिंग है। जिसमें 50 प्रतिशत गन्ना अगेती किस्म का है। इस पेराई सत्र के दौरान गन्ने से चीनी रिकवरी का लक्ष्य 90 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
सत्र 2023-2024 के दौरान मिल द्वारा 167 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई कर एक लाख 68 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया था। इस पिराई सत्र के दौरान 14 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई कर लगभग 10 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि अब मिल की पिराई क्षमता को बढ़ाकर 1750 से बढ़ाकर 2200 टीसीडी प्रतिदिन की अनुमति राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल्ज प्रसंध लिशुगर मिलों को मॉर्डन बनाने के लिए सरकार नई दिल्ली से प्राप्त हो गई है ।
किसानों को किया गया सममानित
इस अवसर पर शुगर मिल में सबसे पहले गन्ने की ट्राली लेकर आने वाले किसानों में सिकंदर, सुरेश, अनुप, राममेहर, सतीश, जगबीर, सुरेंद्र, सूरजमल, अजमेर, अनिल व प्रदीप तथा गत वर्ष के दौरान सबसे ज्यादा गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों में पवन, पाला, रायसिंह, प्रदीप, राजेश, कृष्ण कुमार, हरिओम व सतीश को प्रशस्ति पत्र एवं शॉल देकर सम्मानित किया। इस मौके पर विधानसभा उपाध्यक्ष के बेटे रुद्राक्ष मिड्ढा और उचाना से विधायक देवेंद्र अत्री के भतीजे विशाल अत्री को शॉल देकर सम्मानित किया गया।
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