• फसल अवशेष प्रबंधन पर जिलास्तरीय जागरूकता कार्यक्रम निडानी में आयोजित

(Jind News) जींद। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आज वीरवार को गांव निडानी में फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर जिला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल मुख्यातिथि के तौर पर मौजूद रहे। केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. रामकरण ने मुख्यातिथि का स्वागत किया।

आज खेती को व्यवसायिक रूप में अपनाने की आवश्यकता

विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. मंडल ने बताया कि आज खेती को व्यवसायिक रूप में अपनाने की आवश्यकता है। इसके लिए युवा वर्ग का शिक्षित होना आवश्यक है। ज्ञान के अभाव में किसानों को उत्पादन करने और उत्पाद को विक्रय करने की समस्याएं आती हैं। किसान कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञों से संपर्क करें और जो कृषि से संबंधित समस्याएं आती हैं, उनका निदान करवाएं। किसान साथी नए प्रोजेक्ट तैयार करें।

हर्बल पार्क, सौलर सिस्टम, केंचुए की खाद की यूनिट स्थापित करें। खेती घाटे का सौदा नहीं है। बाजार के उत्पादों की बजाए घर की रसोई के प्रोडक्ट प्रयोग करने चाहिए। उन्होंने दो अप्रैल को कीट वैज्ञानिक डा. सुरेंद्र दलाल के जन्मदिन को कृषि विज्ञान केंद्र जींद द्वारा निडानी में मनाने की घोषणा की।

फसल अवशेष जलाने से मिट्टी पडऩे वाले विपरीत प्रभाव के बारे में जानकरी प्रदान की

वरिष्ठ संयोजक डा. रामकरण ने प्राकृतिक तरीके से कीटों की रोकथाम बारे बताया। मंच संचालक डा. धीरज पंघाल ने फसल अवशेष जलाने से मिट्टी पडऩे वाले विपरीत प्रभाव के बारे में जानकरी प्रदान की। उन्होंने बताया की मिट्टी में फसल अवशेष मिलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है तथा कार्बन की मात्रा में बढ़ती है।

धान अनुसंधान केंद्र कौल से डॉ. सुमित सैनी ने धान की फसल में समेकित कीट प्रबंधन व कीटों की प्राकृतिक रोकथाम के बारे में बताया। डॉ. रमन ने बैंक द्वारा दी जाने वाली स्कीमों के विषय में जानकारी दी। डॉ. प्रीति मलिक ने प्राकृतिक खेती बारे विस्तार से जानकारी दी। कीट साक्षरता मिशन निडानी के महावीर पूनिया व जयभगवान ने मुख्यातिथि को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

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