Jind News : जींद में तीन नए डेंगू के मरीज, कुल हुए 58

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Three new dengue patients in Jind, total number reaches 58
रक्त के सैंपल लेते हुए स्वास्थ्यकर्मी।
  • अबतक डेंगू के 58 तो मलेरिया के चार केस आ चुके हैं सामने
  • अकेले जींद शहर में ही 20 डेंगू व एक मलेरिया का मामला आ चुका है सामने
  • स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने दर्जनभर कालोनियों में दी दस्तक, 19 बुखार पीडि़तों के लिए सैंपल

(Jind News) जींद। स्वास्थ्य विभाग को डेंगू के तीन नए मामले मिले हैं। जिसके चलते जिला में अबतक 58 डेंगू तथा चार मलेरिया के मामले सामने आ चुके हैं। जबकि अकेले जींद शहर में ही 20 डेंगू व एक मलेरिया का मामला सामने आ चुके है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग को सफीदों निवासी 18 वर्षीय युवक, सैनी रामलीला ग्राऊंड जींद निवासी 19 वर्षीय युवती व संत नगर जींद निवासी 29 वर्षीय व्यक्ति शामिल है। डेंगू व मलेरिया के मामलों के मध्यनजर मंगलवार को हाउसिंग बोर्ड, सैनी मौहल्ला, रूपनगर, संत नगर सहित दर्जनभर कालोनियों में डेंगू व मलेरिया के बचाव की जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

स्वास्थ्य निरिक्षक राममेहर वर्मा ने बताया कि मंगलवार को सिविल सर्जन डा. गोपाल गोयल व उप सिविल सर्जन डा. रमेश पाचंाल के मार्गदर्शन में चलाए गए जागरूकता अभियान में 19 बुखार से पीडि़त लोगों के रक्त के नमूने लेकर जांच के लिए भिजवाए गए। स्वास्थ्य निरिक्षक राममेहर वर्मा की अगुवाई में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने वर्तमान मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव की जानकारी देकर जागरूक किया।

इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने घर-घर जाकर लोगों को बताया कि वर्तमान मौसम डेंगू व मलेरिया के मच्छरों के लिए अनुकूल होने से डेंगू रोग के ज्यादा फैलने की आंशका रहती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति यदि थोड़ी सी सावधानी करके अपने घर तथा आसपास की सफाई करते हुए गड्ढों, खाली पड़े टायरों व गमलों आदि में गंदा पानी खड़ा न होने दे, पानी के बर्तनों को ढक कर रखें। जिला मलेरिया अधिकारी डा. रमेश पांचाल ने बताया कि जिस तरह पिछले सालों में डेंगू के डंक ने लोगों को सताया था, उस से सावधान रहते हुए सभी लोगों को जागरूक करने का अभियान निरंतर चलाया जा रहा है।

जागरूकता व अपने घर व आसपास सफाई रखने से ही बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। विभाग की 250 से अधिक टीमें फील्ड में हैं जो लगातार फीवर मास सर्वे कर रही हैं। लोगों को लगातार मौसमी बीमारियों को लेकर जागरूक किया जा रहा है। जहां भी लार्वा मिला है, वहां मौके पर ही नष्ट किया गया है।

 

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