(Jind News) जींद। अमर शहीद पैरा कमांडो लांस नायक प्रदीप नैन के शव को सोमवार को उनके पैतृक गांव जाजनवाला में लाया गया। जैसे ही शव गांव पहुंचा तो आसपास क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। इस दौरान पूरा गांव शहीद प्रदीप कुमार अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा-प्रदीप तेरा नाम रहेगा आदि गननभेदी नारों से गुंजायमान हुआ। प्रदीप के पिता बलवान सिंह और मां ने कहा कि उनको अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। बहन ने कहा कि न केवल उनका बल्कि देश का भाई शहीद हुआ है। वहीं दूसरी और प्रदेश के स्वास्थ्य और आयुष मंत्री डा. कमल गुप्ता, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, नरवाना विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा, डीसी मोहम्मद इमरान रजा, एसपी सुमित कुमार और नरवाना के एसडीएम अनिल दून, बिनैण खाप के प्रधान रघुबीर नैन ने शहीद प्रदीप नैन के पार्थिव शरीर पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया।
परिवार को इकलौता चिराग था शहीद प्रदीप नैन
गौरतलब है कि गत छह जुलाई को पैरामिल्ट्री कमांडो कुलगाम में आतंकवादी मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गया था। रविवार रात को प्रदीप नैन के पार्थिव शरीर हिसार कैंट पहुंचा था। गांव जाजनवाला निवासी प्रदीप नैन (27) परिवार का इकलौता चिराग था। वर्ष 2015 में वह पैरामिल्ट्री में सिपाही के पद भर्ती हुआ था। प्रदीप नैन के पिता बलवान सिंह अढ़ाई एकड़ के किसान हैं और खेतीबाड़ी करते हंै। जबकि मां रामस्नेही साधारण गृहणी हंै। उनकी छोटी बहन मंजू हैं जो शादीशुदा हंै। वर्ष 2022 में प्रदीप नैन की शादी गांव लुटाना राजस्थान निवासी मनीषा से हुई थी। जो अब गर्भवती हैं। प्रदीप नैन की फिलहाल पैरामिल्ट्री फोर्स में लांस नायक के पद पर कुलगाम जम्मू-कश्मीर में थी। कुलगाम में आंतकवादियों के छुपने की सूचना मिली थी। छह जुलाई दोपहर को आर्मी की टुकड़ी ने लांस नायक प्रदीप नैन के नेतृत्व में आंतकवादियों को घेर लिया और मुठभेड़ हो गई। फायरिंग में गोलिया लगने से लांस नायक प्रदीप नैन शहीद हो गया। प्रदीप नैन वर्ष 2019 में वालेंटियरी पैरामिल्ट्री में चले गए थे। परिजनों को इकलौते बेटे के खोने का गम तो है लेकिन शहदात पर गर्व भी है।
श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब, शहदात के नारों से गूंजा आसमान
पैरामिल्ट्री कमांडो प्रदीप नैन के पार्थिव शरीर को ला रहे आर्मी वाहन की अगवानी के लिए काफी संख्या में आसपास के इलाके के ग्रामीण गाडिय़ों तथा बाइकों से हिसार जिले की सीमा पर पहुंचे। जिसके बाद शहादत के नारे लगाते हुए गांव पहुंचे। शव को पहले अंतिम दर्शन के लिए
प्रदीप नैन के घर ले जाया गया। तिरंगे में लिपटे प्रदीप नैन के शव को देख कर पत्नी, मां व बहन फूट कर रोए। आधा घंटे तक शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। फिर अंतिम यात्रा शमशान के लिए चली तो लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भीड़ इतनी थी कि जहां तक नजर जाए वहीं तक श्रद्धासुमन अर्पित करने वाले दिखाई दे रहे थे। अंतिम विदाई का दृश्य भावुक तथा गर्वमय पूर्ण रहा।
आंखों से बह निकले आंसू
शहीद प्रदीप नैन की अंतिम विदाई का दृश्य अंत्यत भावुक तथा गर्वमय रहा। पिता बलवान अतिम दर्शन के दौरान बेटे के शव लिपट कर रो पड़े। मां, पत्नी तथा बहन का बुरा हाल रहा। आर्मी टुकड़ी द्वारा अंतिम सलामी के साथ उल्टे शस्त्र कर मातम की धुन बजाई। शहीद प्रदीप नैन के चचेरे भाई कुलदीप नैन ने मुखाग्रि दी। जिसके साथ वहां मौजूद जनसैलाब के आंसू बह निकले। लगातार जनसैलाब द्वारा शहदात पर नारे लगाए जाते रहे। शहीद प्रदीप कुमार की मां, पिता, बहन और पत्नी के साथ हजारों लोग पार्थिव शरीर के साथ शमसान घाट पहुंचे। प्रदेश के स्वास्थ्य और आयुष विभाग के मंत्री डा. कमल गुप्ता, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, नरवाना से विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा व प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद प्रदीप नैन के पार्थिव शरीर पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। सेना के जवानों ने हवा में फायर कर प्रदीप कुमार को अंतिम विदाई दी। अंतिम विदाई पर मातमी धुन भी बजाई गई। शहीद प्रदीप कुमार के चचेरे भाई कुलदीप ने चिता को मुखाग्रि दी। हजारों लोगों ने शहीद प्रदीप कुमार अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगाए।
गांव के अन्य युवाओं को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी प्रदीप कुमार की शहादत
ग्रामीणों ने बताया कि शहीद प्रदीप नैन में बचपन से ही भारतीय सेना में शामिल होने का जुनून था। सेना भर्ती होने के लिए उसने कड़ी मेहनत की। परिवार में इकलौता पुत्र प्रदीप नैन वर्ष 2015 में आर्मी में भर्ती हुआ था। उसने आर्मी में अपनी काबिलियत के दम पर पैरामिलिट्री कमांडो में चयन करवाया। प्रदीप की शादी वर्ष 2022 में हुई थी। ग्रामीणों के अनुसार प्रदीप कुमार की शहादत गांव के सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है। प्रदीप कुमार की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। प्रदीप नैन के बैच मैट रहे सफीदों के गांव मलार वासी मोहित शर्मा ने बताया कि वो नैन ने 15-20 आपरेशन में भाग लिया था। जिसमें वह चाइना बार्डर पर भी तैनात रहा था। उसको जहां भी आपरेशन में भेज दिया जाता, वो सबसे आगे जाने की बात कहता रहता था। उसको इस बात का डर ही नहीं था कि उसको आपरेशन में गोली लग जाएगी। उसको दिल्ली में 63 कालवरी में सर्वश्रेष्ठ वालिंयर के खिताब से नवाजा था। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में भी सर्च आपरेशन में प्रदीप नैन को भेजा गया था। जहां पैरा कमांडों के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस व सीआरपी के जवान भी थे। उन्होंने बताया कि आपरेशन के तहत पुलिस जहां आंतकवादी घर में घुसे होते हैं, उस घर को पहले चारों से लोकल पुलिस घेर लेती है। उसके बाद वो पीछे हट जाते हैं, तो पैरा कमांडो मोर्चा संभाल लेते हैं।
वीर बहादुर को जन्म देने वाली मां को सलाम है : डॉ . कमल गुप्ता
प्रदेश के स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग के मंत्री डा. कमल गुप्ता ने कहा कि शहीद प्रदीप कुमार के साथ-साथ उनको जन्म देने वाली मां को सलाम है। वह औरत गौरवशाली होती है, जिनकी कोख से ऐसे वीर सपूत जन्म लेते हैं। यह गांव के साथ-साथ पूरे जिला व देश के लिए गर्व की बात है। इकलौते बेटे के इस दुनिया से चले जाने पर मां के लिए दुख होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि प्रदीप ने छह आतंकियों को मार कर अपनी शहादत दी। इससे पहले भी प्रदीप कुमार द्वारा मुडभेड़ में कई आतंकवादियों को मौत के घाट उतार चुका है। उनकी शहादत पर हरियाणा सरकार को गर्व है। वे मुख्यमंत्री नायब सिंह का संदेश लेकर ही प्रदीप कुमार को नमन करने यहां पहुंचे हैं। शहीद परिवार को मिलने वाले सभी राजकीय लाभ प्रदीप कुमार के परिवार को मिलेंगे। राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने कहा कि गर्व की बात है कि जाजनवाला गांव के बेटे अमर शहीद प्रदीप कुमार ने देश के लिए लड़ते-लड़ते अपने प्राण न्यौच्छावर किए हैं। इस पर पूरे देश-प्रदेश को गर्व है। प्रदीप नैन अपने प्राणों की परवाह न करते हुए हर बार पूरे जज्बे के साथ डटे रहे हैं। प्रदीप कुमार द्वारा दी गई शहादत सदियों-सदियों तक याद रहेगी। नरवाना के विधायक रामनिवास सुरजाखेडा ने कहा कि शहीद प्रदीप कुमार की शहादत को कभी भुलाया नही जा सकेगा।
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