Jind News : फसल अवशेष जलाने वालों को देना पड़ेगा जुर्माना  

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Incentives will be given for adopting crop residue management
जिला निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद इमरान रजा।
  • फसल अवशेष न जलाने की घटनाओं को शून्य करने पर रेड जॉन की ग्राम पंचायतों को मिलेगी एक लाख की सहायता राशि
  • अपनी फसल-अपनी  नस्ल  बचाने के लिए पराली जलाने की घटनाओं पर लगाना होगा पूर्ण अंकुश

(Jind News) जींद। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने किसानों से आह्वान किया कि फसल अवशेष जलाने से भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ-साथ भूमि की ऊपरी सतह पर उपस्थित लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं व हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है। पराली जलाने से भूमि के पोषक तत्वों में नाइट्रोजन, सल्फर, पोटाश व ऑर्गेनिक कार्बन की भी हानि होती है। जिससे पर्यावरण दूषित होता है तथा मानव जीवन विशेषकर बच्चों व बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

इन सभी घटनाओं से जिला का क्षेत्र ही नहीं अपितु आसपास 200-250 किलोमीटर का पर्यावरण भी श्वास लेने योग्य नहीं रहता तथा आसपास की हवा की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है जो कि हानिकारक है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की हैं।
13 रेड जोन वाले गांवों में फसल अवशेष शून्य होने पर मिलेगी एक लाख प्रोत्साहन राशि जिला के 13 रेड जोन वाले गांवों में फसल अवशेष को जलाने की घटनाओं को शून्य करने पर संबंधित ग्राम पंचायत को एक लाख रुपये तथा येलो जोन वाले 58 गांवों में ग्राम पंचायत को 50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। हम सभी को इस दिशा मे सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।

उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने जिला के सभी पंच, सरपंच, नंबरदार, जिला परिषद सदस्यए पंचायत समिति सदस्य तथा प्रत्येक सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों से अनुरोध किया कि सभी जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन कर स्वयं और आसपास के किसानों को फसल अवशेष जलाने पर रोक लगाएंए ताकि पर्यावरण व मानव जीवन को फसल अवशेषों को जलने से होने वाले प्रदुषण के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके और भूमि की उपजाऊ शक्ति को नष्ट होने से भी रोका जा सके। इस जिम्मेवारी का निर्वहन कर हम सभी को अपनी फसल-अपनी नस्ल को बचाने में अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर योगदान करना चाहिए।

कृषि अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

उपायुक्त ने बताया कि गांव व खंड स्तर पर कृषि विभाग के कर्मचारी भी आपकी मदद एवं सहयोग के लिए उपलब्ध होंगे। प्रत्येक गांव में विभाग द्वारा ग्राम स्तरीय कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अधिक से अधिक किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसान जागरूकता शिविरों में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को पराली न जलाकर आधुनिक कृषि यंत्र जैसे एसएमएस, सुपर सीडर, स्ट्रा बेलर, एमबी प्लाऊ व अन्य यंत्रों को प्रयोग करके पराली को मिट्टी में मिलाने बारे प्रेरित किया जा रहा है। उपायुक्त ने कहा कि फसल अवशेष न जलाने के मामले में सभी जनप्रतिनिधि अपना व्यक्तिगत रूप से सहयोग देकर वांछित कार्यवाही करते हुये जिला  को इस वर्ष शून्य अवशेष जलाने की घटनाओं का परिणाम प्राप्त करने में जिला प्रशासन का पूर्ण सहयोग करेंगे तथा प्रति दिन की रिपोर्ट कमेटी को भिजवाने में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे।

 

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