- जर्जर व पुराने कमरों का निर्माण कराने के लिए शिक्षा विभाग को उच्च अधिकारियों द्वारा भेजे जाने वाले बजट का इंतजार
(Jind News ) जींद। गांव बिघाना के राजकीय प्राईमरी स्कूल में विद्यार्थियों के बैठने के लिए बनाए कमरे नीचे, पुराने व जर्जर हो चुके हैं। विद्यार्थियों को इन पुराने व जर्जर होने के अलावा दीवारों में दरार आने से हर समय गिरने का अंदेशा रहता है। इतना ही नही कमरों की छत भी पुरानी व कंडम हो चुकी है।
निर्माण कराने के लिए स्कूली बच्चों के अभिभावक पंचायत के अलावा शिक्षकों को भी शिकायत कर चुके
भले ही स्कूल के शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को इन पुराने व जर्जर कमरों में शिक्षा ग्रहण कराने के अलावा दूसरे कमरों में बैठा कर शिक्षा ग्रहण कराई जा रही हो लेकिन कमरों के सामने छोटे बच्चों के खेलने समय इनके अंदर जाने का हर समय मन में भय बना रहता है। ग्रामीण बलवान, दर्शन, राजपाल, भीम, कृष्ण, राहुल, रमन, साहिल, मनोज, राजेंद्र व तेजपाल ने बताया कि राजकीय प्राइमरी स्कूल में वर्षो पूर्व बनाए कमरों को ऊंचा उठवा कर निर्माण कराने के लिए स्कूली बच्चों के अभिभावक पंचायत के अलावा शिक्षकों को भी शिकायत कर चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान नही हो सका है। स्कूल के इन कमरों की दीवारों में दरार आने के अलावा बारिश के दिनों में कंडम हुई छत से टपक कर अंदर पानी भर जाता है। बच्चों के अभिभावकों द्वारा शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों व पंचायत से पुराने कमरों को ऊंचा उठवा कर निर्माण कराने की मांग की है।
कमरों को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा किया जा चुका है कंडम घोषित : वीरेंद्र सिंह
राजकीय प्राइमरी स्कूल बिघाना के मुख्य शिक्षक वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पुराने व जर्जर कमरों में किसी भी विद्यार्थी को अंदर जाने से मना किया हुआ है। विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण कराने के लिए शिक्षकों द्वारा अन्य दूसरे कमरों में बिठाकर शिक्षा ग्रहण कराई जा रही हैं। स्कूल स्टाफ द्वारा इनके निर्माण के लिए उच्च अधिकारियों को रिर्पोट भेजी गई है। शिक्षा विभाग द्वारा उक्त कमरों को कंडम घोषित करते हुए इनके निर्माण के लिए बजट आने का इंतजार है। उच्च अधिकारियों के पास से बजट आते ही कमरों को ऊंचा उठवा कर निर्माण करा दिया जाएगा।
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