(Jind News) जींद। नागरिक अस्पताल में शुक्रवार को कैथल से आई कायाकल्प टीम ने चार घंटे तक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एक-एक कर अस्पताल प्रशासन को खामियां गिनाने काम किया गया। टीम ने इमरजेंसी वार्ड, आईसीयू, लैब, लेबरू रूम, ओपीडी सहित अन्य वार्डों की जांच की। इमरजेंंसी वार्ड और वार्ड के पीछे पेशेंट वार्ड में खामियां ही खामियां मिली। स्वच्छता को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की और से सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल व पेंशेंट केयर से संबंधित कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। जो अस्पताल इन मानकों पर खरा उतरता है उसे कैश अवार्ड दिया जाता है। अब टीम द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर रैंक दिया जाएगा और रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी। अगर जींद अस्पताल को 70 से अधिक अंक मिलते हैं तो कैश पुरस्कार पक्का होगा। जिससे सुविधाएं और बेहतर की जा सकेंगी।
कायाकल्प टीम में कैथल से डा. प्रीति, डा. हरकीरत, डा. व्यान के नेतृत्व में नागरिक अस्पताल पहुंची और यहां चप्पे-चप्पे की जांच की। कई जगह टीम के सदस्य संतुष्ट मिले तो कई जगह असंतुष्ट नजर आए। हालांकि नागरिक अस्पताल प्रशासन ने कायाकल्प टीम के दौरे को लेकर व्यापक तैयारियां की थी। बावजूद इसके अस्पताल में खामियों को छुपाया नही जा सका। इमरजेंसी वार्ड से दौरे की शुरूआत हुई तो यहां कई तरह की खामियां मिली। पेशेंट वार्ड में बैड पर मरीज की जगह बैग रखा हुआ था। एचकेआरएनएल कर्मियों की नेम प्लेट नही थी। इमरजेंसी में कार्यरत नर्स की भी नेम प्लेट गायब थी। इसके अलावा सफाई भी नही थी। सबसे बड़ी बात इमरजेंसी में ही एक बंद कमरे में एसिड की पीपियां रखी हुई थी। जो गर्मी से फट भी सकती हैं। जिन्हें तुरंत प्रभाव से किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात कही गई। टॉयलेट पर चिकित्सक स्टाफ डयूटी की सूची चस्पा की गई थी। इमरजेंसी वार्ड के पास ही सफाई-सफाई का साजोसामान रखा गया था। पैशेंट वार्ड में इलेक्ट्रिक बटनों पर धूल जमी हुई थी। वॉशरूम में सफाई नही थी।
इमरजेंसी के बाद टीम लैब में पहुंची। लैब बाथरूमम साफ नही था। जिस पर उसे साफ रखने के लिए कहा गया। लैब के निकट गैलरी में दवाई के डिब्बे रखे हुए थे। जिन्हें तुरंत प्रभाव से हटवाने के लिए कहा गया। इसके अलावा दवा स्टोर में अलमारियों पर खुले में दवा के डिब्बे रखे हुए थे। जोकि नियमानुसार नही रखे जा सकते हैं। जिस पर इन्हें भी हटा कर सुरक्षित स्थान पर रखने की बात कही गई।
टीम द्वारा नर्सों से भी बातचीत की गई। इसके अलावा प्रतिदिन होने वाली डिलीवरी के रिकार्ड को भी देखा। प्रसव से पूर्व और बाद में बरती जाने वाली सावधानियों व शिशु व मां की देखरेख से संबंधित सवाल पूछे। टीम द्वारा आप्रेशन थिएटर का भी दौरा किया गया।
टीम जब नई बिल्डिंग में चलाए जा रहे सीटी स्कैन सेंटर की तरफ पहुंची तो वहां बाहर वाहनों को खडा पाया गया। जिस पर टीम ने कहा कि यहां वाहनों को किसी भी सूरत में खड़ा न करवाया जाए। इसके अलावा बायोमेडिकल वेस्ट से संबंधित जवाब तलबी भी अधिकारियों से की गई। डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि अस्पताल की साफ-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, बायोमेडिकल वेस्ट, डिस्पोजल व पेशेंट केयर से संबंधित हर तरह से सही तरीके से लागू करने की कोशिश की हे। टीम अस्पताल प्रशासन से संतुष्ट होकर लोटी है। कायाकल्प योजना के तहत अस्पताल अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर पुरस्कार जीतेगा।
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