(Jind News ) जींद। उचाना कलां के प्राचीन शिव मंदिर में शुक्रवार से प्रारंभ हुआ 51 कुंडीय महायज्ञ का शुभारंभ कलश यात्रा से किया गया। मंदिर परिसर से अंडरपास के रास्ते, लितानी रोड से होते हुए कलश यात्रा मंदिर परिसर पहुंची। भक्तिमय गीतों पर श्रद्धालु जमकर झूमे। त्रिपुरा पीठाधीश्वर चक्रवर्ती यज्ञ सम्राट श्रीश्री 1008 हरिओम महाराज के सान्निध्य में महायज्ञ तीन दिनों तक चलेगा। हर रोज शाम 6 बजे दिव्य महा-आरती होगी। हर रोज भंडारे का आयोजन के साथ-साथ प्रसाद बांटा जाएगा।
बनाए गए हैं 51 कुंड :
इस तरह का आयोजन पहली बार जींद जिले में हो रहा है। 51 कुंड बनाए गए है। यहां पर तीन दिनों तक 51 जोड़े हवन में हिस्सा लेंगे। जेपी कौशिक ने बताया कि त्रिपुरा पीठाधीश्वर चक्रवर्ती यज्ञ सम्राट श्रीश्री 1008 हरिओम महाराज का उचाना की पावन धरा पर आना सबके लिए सौभाग्य की बात है। जींद की धरती पर इस तरह का आयोजन नहीं हुआ है। आयोजन को लेकर कई दिनों से टीम गांव-गांव के साथ-साथ शहर के बाजारों में जाकर निमंत्रण देकर आई है। महायज्ञ में अधिक से अधिक लोग हिस्सा लेकर पुण्य के भागीदार बने ये कोशिश है। हवन का किसी भी क्षेत्र में होना उस क्षेत्र के लिए अच्छा होता है। महायज्ञ के माध्यम से उचाना की प्रगति, समृद्धि की कामना भी की जाएगी।
भव्य होगा आयोजन :
श्रद्धालु रामदिया, राजू, मोहन ने कहा कि उचाना की धरती पर महायज्ञ का आयोजन पहली बार हो रहा है। यहां सभी मिलकर विश्व की शांति, समृद्धि की कामना करेंगे। हवन का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है। हवन का आयोजन समय-समय पर करना चाहिए। हवन से वातावरण भी शुद्ध होता है। एक साथ 51 कुंडीय महायज्ञ में हर किसी को बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। ऐसे आयोजन कभी-कभी ही होते है।
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