- अब तक चार बार स्थगित की जा चुकी है बैठक
(Jind News) जींद। एक बार फिर जिला परिषद की साढ़े छह करोड़ की ग्रांट वितरण तथा विकास कार्यों की समीक्षा के लिए मंगलवार को बुलाई बैठक स्थगित हो गई। यह पहली बार नही चौथी बार हुआ है। जिप अध्यक्षा मनीषा रंधावा 14 पार्षदों तथा पांच ब्लाक समिति सदस्यों के साथ डीआरडीए स्थित कार्यालय से बैठक के लिए निकलने तैयारी कर रही थी। उस दौरान उन्हें बैठक के स्थगित होने सूचना दी गई। डीआरडीए हाल बैठक की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थी। तीन बार बैठक प्रशासनिक कारणों से स्थगित हो चुकी है। एक बार कोरम पूरा न होने के कारण स्थगित हो चुकी है। मंगलवार को बुलाई गर्ई ग्रांट वितरण व समीक्षा की चौथी बैठक में एक तिहाई यानि 14 सदस्यों का शामिल होना जरूरी था। मंगलवार कि जिप अध्यक्षा 19 सदस्य साथ थे। जिप अध्यक्षा मनीषा रंधावा ने बताया कि मंगलवार को आम बैठक बुलाई गई थी। जिसमें साढ़े छह करोड़ रुपये ग्रांट वितरण तथा विकास कार्यों की समीक्षा की जानी थी। 14 पार्षद तथा पांच ब्लाक समिति सदस्य पहुंचे थे। कोरम पूरा था। फिर से प्रशासनिक कारण बता कर बैठक को स्थगित कर दिया। राशी का वितरण न होने के कारण ग्रामीण विकास प्रभावित हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि पार्षदों का बहुमत उनके साथ है।
चौथी बार बैठक के स्थगित होने पर जिप राजनीति में शुरू हुई हलचल
जिला परिषद की मंगलवार को चौथी बार बैठक स्थगित होने के साथ जिप अध्यक्ष पद को लेकर राजनीतिक हलचल हो गई है। जो राजनीतिक उथल-पुथल की तरफ इशारा कर रही है। जजपा के समर्थन से मनीषा रंधावा जिप अध्यक्षा बनी थी। उन्होंने भाजपा समर्थित प्रत्याशी को एक मत से हराया था। उस दौरान जजपा-भाजपा गठबंधन की सरकार थी। अब गठबंधन भी टूट चुका है। हालात तथा परिस्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। मनीषा के जजपा के साथ अब मधुर संबंध नही हैं। यह 12 जुलाई को बुलाई बैठक में साफ हो गया था। जजपा के तीन विधायकों में से कोई भी सदन मे नही पहुचा। कांग्रेस के विधायक ने आश्वासन दिया लेकिन वे सदन में नही पहुंचे। कोरम पूरा करने के लिए 20 सदस्यों की जरूरत थी। जबकि सदस्य 19 ही पहुंचे थे। कोरम पूरा न होने पर बैठक को स्थगित कर दिया था। मंगलवार को बुलाई आम बैठक प्रशासनिक कारणों स्थगन की भेंट चढ़ गई। जबकि विरोधी खेमा ने मंगलवार को भी बैठक से दूरी बनाई रखी।
जिप के 41 सदस्य, एक की सदस्यता हो चुकी है रद्द, अब 40
जिला परिषद के कुल 41 सदस्य हैं। जिसमें 25 निर्वाचित जिला पार्षद हैं। एक पार्षद की सदस्यता रद्द हो चुकी है। अब जिप पार्षदों की संख्या 24 रह गई है। इसके इलावा आठ ब्लॉक समिति के चेयरमैन, जिले के पांचों विधायक तथा तीन सांसद भी जिप के सदस्य हैं। मंगलवार को आम बैठक के लिए जिप अध्यक्षा मनीषा रंधावा ने 19 सदस्यों के साथ बैठक की तैयारी की तो वह प्रशासनिक कारणों की भेंट चढ़ गई। जिसमे 14 निर्वाचित जिला पार्षद हैं।
जिप अध्यक्षा मनीषा रंधावा की जिप राजनीति दौराहे पर
जिप की ग्रंाट वितरण की चौथी बैठक स्थगित होना इस बात का साफ इशारा है कि मनीषा रंधावा की जिप राजनीति दौराहे पर आ गई है। भाजपा-जजपा गठबंधन टूट चुका है। पिछले डेढ़ साल से जिप अध्यक्ष पर काबिज मनीषा रंधावा को तत्कालीन डिप्टी सीएम दुष्यंत का आर्शीवाद था। जिला भाजपा पर दबाव यह दबाव है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रर्दशन को देखते हुए हाईकमान का अच्छा संदेश देना है। जिसके चलते अध्यक्ष पद पर नजर है। कांग्रेस की ताकत बढी है। जिसके तीन सांसद तथा एक विधायक जिप का सदस्य है। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 24 मे से 17 पार्षद का एकजुट होना जरूरी है। जिप अध्यक्ष पद महत्वपूर्ण राजनीतिक पद है। जिसके चलते उसे मजबूत राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होना जरूरी है। कांग्रेस के लिए अपना कुनबा बढ़ाने तथा बड़ा राजनीतिक संदेश देने का दबाव है। अगले कुछ दिनों में जिप राजनीति क्या करवट लेती है यह तो आने वाला समय बताएगा। फिलहाल जिप अध्यक्षा की राजनीति दौराहे पर आ गई है।
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