- इन किसानों को नही मिलेगा योजनाओं का लाभ
- फसल अवशेष प्रबंधन अभियान के तहत कृषि विभाग ने की बैठक
- किसान फसल अवशेषों को जलाने की बजाय उनका प्रबंधन करें : एसडीएम
(Jind News) जींद। अगर कोई किसान अपने खेतों में धान अवशेष में आग लगाता है तो उसके विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई तो की ही जाएगी व उसकी भूमि को पटवारी रिकार्ड में किल्ला नंबर लाल स्याही से चिन्हित किया जाएगा। जिससे कृषि विभाग द्वारा किसान कल्याण के लिए चलाई गई स्कीम का लाभ नही मिल सकेगा। सीआरएस योजना में ऑनलाइन पंजीकरण करने पर किसान को एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन के रूप में अनुदान दिया जाएगा। फसल अवशेष प्रबंधन अभियान के तहत शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में सफीदों उपमंडल के सरपंच, नंबरदार, ग्राम सचिव तथा पटवारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर सफीदों खंड के बीडीपीओ नरेश कुमार तथा कृषि विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। बैठक में सफीदों के नायब तहसीलदार विकास कुमार ने उपस्थित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों को कहा कि फसली अवशेषों को आग लगने से किसान के खेत की जमीन खराब हो रही है। इससे न केवल जमीन में रहने वाले मित्र कीट खत्म हो जाते हैं बल्कि आसपास के क्षेत्र की हवा में घुलने वाला धुआं व्यक्ति की शारीरिक बीमारियों का कारण भी बनता जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से किसान न केवल धान की फसल के अवशेषों का प्रबंधन कर सकता है बल्कि अपनी गेहूं की फसल बिजाई के समय होने वाले खर्चें को भी कम कर सकता है। उन्होंने कहा कि किसान सुपर सीडर की मदद से फसल अवशेषों के प्रबंधन के साथ.साथ गेहूं की बुवाई कर सकता है। इसकी मदद से फसल अवशेष पूरी तरह भूमि में मिल जाते हैं। जिससे फसल की उर्वरा शक्ति में भी इजाफा होता है।
बैठक में कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी सुशील कुमार नें सरपंचों, नंबरदारों को कहा कि वे अपने-अपने गांवों में फसल अवशेष न जलाने बारे मुनादी करवाएं। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए खंड एवं गांव स्तर पर भी कमेटी बनाई गई है। कमेटी में कृषि विभाग के कर्मी, राजस्व विभाग के पटवारी, ग्राम सचिव, गांव के सरपंच व नंबरदार को शामिल किया गया है। यह कमेटी अपने-अपने क्षेत्र में फसल अवशेष में लगाई जाने वाली आग की घटनाओं की सूचना संबंधित अधिकारियों को देगी। इसके अलावा किसानों को भी जागरूक करेगी।
किसान फसल अवशेष प्रबंधन पर दें ध्यान
बैठक में कृषि अधिकारी ने सरपंचों व नंबरदारों को बताया कि फसल अवशेष का प्रबंधन करने के लिए विभाग द्वारा किसानों को अनुदान राशि पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे है ताकि सभी किसान फसल अवशेष का उचित प्रबंधन कर सकें। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे फसल अवशेषों को जलाने की बजाए इनका प्रबंधन करें और विभाग की योजनाओं का लाभ उठाएं। इस बैठक में लगभग 50 गांवों के सरपंचों, नम्बरदारों के द्वारा आश्वासन दिया की वे अपने-अपने गांव में प्रतिदिन बुनियादी कराएंगें और किसानों को जागरूक करेंगें।
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