• 6.17 करोड़ रुपये की ग्रांट का हुआ वितरण, आगामी वर्ष के लिए सरकार से मांगे 49 करोड़
  • 17 पार्षद व चार ब्लॉक समिति सदस्यों ने सहमति जता चेयरपर्सन को दिया ग्रांट वितरण का अधिकार
  • बैठक में शामिल नहीं होने वाले विभागीय कर्मियों को भेजा जाएगा कारण बताओ नोटिस

(Jind News) जींद। नौ माह बाद मंगलवार को जिला परिषद की ग्रांट वितरण बैठक हुई। जिसमें ग्रामीण विकास के लिए 6.17 करोड़ रुपये की ग्रांट राशिवितरण का अधिकार चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को दिया गया। बैठक में कुल 21 सदस्यों ने भाग लिया। जिसमें 17 जिला परिषद के  सदस्य तो चार ब्लॉक समिति के चेयरमैन शामिल हुए। सभी सदस्यों ने ग्रांट वितरण का अ?धिकार चेयरपर्सन को देने पर सहमति जताई।

इससे पहले बैठक जून 2024 में हुई थी

इससे पहले जिला परिषद की ग्रामीण विकास के लिए ग्रांट वितरण की इससे पहले बैठक जून 2024 में हुई थी। इसके बाद छह दिसबंर को यह बैठक होनी थी लेकिन पार्षदों ने चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव डीसी को दे दिया। इसके बाद ग्रांट वितरण की बैठक में कोई भी पार्षद शामिल नहीं हुआ। उस समय विरोधी खेमे के पास 25 में से 18 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर डीसी को शपथ पत्र सौंपे थे।

बाद में अविश्वास प्रस्ताव पर तीन बैठकें रद्द हुई तो चेयरपर्सन ने भाजपा नेतृत्व से मुलाकात की और भाजपा में आस्था जता दी। अब ग्रांट वितरण की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले जिप के सदस्य नदारद रहे। इसमें जिला परिषद के सीईओ एवं जुलाना के एसडीएम अनिल दुहन ने सदस्यों के हाथ खड़े करवाकर बजट पास करने की मंजूरी ली। इसके बाद लगभग 15 मिनट चली बैठक में यह बजट वितरित किया गया। बैठक में पार्षदों ने जरूरत के लिए लैपटॉप व प्रिंटर की भी मांग की।

आगामी वर्ष में ग्रामीण विकास के लिए मांगे 49 करोड़ रुपये

जिला परिषद की ग्रांट वितरण की बैठक में आगामी वर्ष में ग्रामीण विकास के लिए चेयरपर्सन व जिप के सीईओ ने सरकार से 49 करोड़ रुपये की राशि मांगी है ताकि जिला के सभी गांवों में मूलभुत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके। वहीं बैठक में वार्ड एक से पार्षद गुरमेल ढाबी टेकसिंह ने उनके क्षेत्र में निजी परिवहन समिति की बस निरंतर नहीं चलने और प्राइवेट बुकिंग पर जाने की शिकायत दी।

बस नहीं चलने से क्षेत्र से स्कूल व कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों को तो परेशानी होती ही है। साथ ही आमजन के लिए भी परेशानी बनी है।  पार्षद गुरमेल सिंह ने बैठक में मुद्दा उठाया कि जिला परिषद की तरफ  से मिलने वाले ग्रांट में ठेकेदार मनमानी करते हैं। विभाग भी उनका सहयोग करता है। ठेकेदार अधूरे काम की पूरी पेमेंट ले जाते हैं और काम को बाद में पूरा नहीं करते।

गांव में लाइब्रेरी अधूरी है और ठेकेदार की पेमेंट पूरी करवा दी

उन्होंने कहा कि पिपलथा गांव में लाइब्रेरी अधूरी है और ठेकेदार की पेमेंट पूरी करवा दी। इस पर सीईओ अनिल दुहन ने जांच करवाने की बात कही। गोसाई खेड़ा में बस क्यू शेल्टर पर बस नहीं रुकने की शिकायत भी दी। इस पर रोडवेज के अधिकारियों को चेताया कि बस को अड्डे पर रोका जाएए फ्लाईओवर से न गुजारा जाए। वहीं वार्ड 16 से पार्षद ने कहा कि बिरोली गांव की गलियों में पानी भरा हुआ है।

वहां पर एक वर्ग के लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल है। डीसी समेत अन्य अ?धिकारियों को शिकायत दी लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हो पाया। वहीं ब्लॉक समिति चेयरमैन ने कहा कि गांगोली गांव में पीने योग्य पानी नही है। इसको लेकर उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कई बार शिकायत की लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा।

जिला परिषद अध्यक्ष मनीषा रंधावा ने कहा कि बैठक में 6.17 करोड़ रुपये की रा?शि का ग्रांट वितरण किया गया। इस राशि से ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्य करवाए जाएंगे। जिला परिषद की ग्रांट वितरण की बैठक में आमजन की समस्याओं के निदान के लिए अधिकारियों का शामिल होना अनिवार्य होता है। इस बैठक में जो अधिकारी शामिल नहीं हुए। उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।

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