Jind News : उम्मीद्वारों के लिए दिन कयामत से कम नही, रात गुजर रही बैचेनी से

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The day is no less than doom for the candidates, the night is passing in restlessness
कार्यकर्ताओं से मिलते हुए उचाना से कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह।
  • अब प्रत्याशियों को है आठ अक्टूबर को चुनाव परिणाम का इंतजार
  • प्रत्याशियों ने की कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ बैठक

(Jind News) जींद। विधानसभा चुनाव को लेकर मतों की गणना आठ अक्टूबर को होने जा रही है। इसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी। फिलहाल उम्मीद्वार मतदान के आधार पर घटा-जोड़ कर अपनी हार-जीत सुनिश्चित करने में जुटे हैं। मतदान केपश्चात पार्टी उम्मीद्वारों ने हर बूथ का अपने आधार पर सर्वे करवाने केअलावा खुफियां एजेंसियों ने भी आंकड़ों को जुटाया है।

उसी के आधार पर हार-जीत का आंकलन किया जा रहा है। किसको कितनी सीटें मिलेगी, कौन जीतेगा, कौन हारेगा इसका कयास लगाया जा रहा है। जीत और हार के बीच फासला कितना रहेगा। उत्सुक लोग भी आठ अक्टूबर का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। पार्टियों ने चुनाव मैदान में अपने उम्मीद्वरा को उतारने से पूर्व जातिय समीकरणों पर अच्छी तरह होमवर्क किया था। होमवर्क की कवायद मतगणना तक जारी रहेगी। फिलहाल पार्टी उम्मीद्वारों ने मतदान के दौरान अपने पोलिंग एजेंटों के माध्यम से तथा स्पेशल व्यक्तियों की डयूटियां लगा कर मतदाताओं के रूझानों के आंकड़े एकत्रित किए हैं। जातीय समीकरणों को ध्यान में रख कर हर वोट पर नजर रखी गई है।

मतदान के पश्चात अपने क्षेत्रों के आंकड़ों को एकत्रित कर उन पर मंथन किया गया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी उम्मीद्वारो के अलावा खूफिया एजेंसियों ने भी मतदाताओं के रूझान के संभावित आंकड़े जुटाए गए हैं। जिसके आधार पर हार जीत की संभावित रिपोर्ट तैयार कर अपने आकाओं के पास भेजी गई है। मतदाताओं के रूझान का सिलसिला बूथ लेवल से शुरू होकर पूरे जिला की तस्वीर तैयार की गई है। किस बूथ पर किस जाति के वोट ज्यादा हैं और उन्होंने किस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया है, इसके बारे में भी विस्तृत जानकारियां जुटाई गई। कौन जीतेगा और कितने मार्जन से जीतेगा इस पर सट्ïटा बाजार भी गर्म है। सबसे ज्यादा निगाहें भाजपा, कांग्रेस, जमी हुई हैं।

हालांकि भाजपा ने चुनाव माइक्रो मैनेजीमेंट पर लड़ा है। कांग्रेस भूपेंद्र हुड्डा के नाम पर चुनाव लड़ रही थी। उचाना, सफीदों तथा जींद में निर्दलीय की वोट स्थिति हार-जीत का फैसला करेगी। उम्मीद्वारों ने तथा खूफिया एजेंसियों द्वारा जुटाए गए हार-जीत के आंकड़े कितने स्टीक बैठेंगे इसका खुलासा आठ अक्टूबर को हो पाएगा। जिले मे कुल 72.1 प्रतिशत मतदान हुआ है। चुनाव के दौरान ना तो किसी पार्टी तथा उम्मीद्वार की हवा बनी और ना ही किसी पार्टी का विरोधी लहर बनी। यह भी साफ है कि नरवाना को छोड़ क्षेत्रीय दल तथा अन्य दल चुनावी दौड़ से बाहर रहे हैं। उलझे समीकरणों से उम्मीद्वारा का दिन कयामत का और रातें बैचेनी से गुजर रही हैं।

जींद जिला की पांचों विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे 77 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद हो चुका है। उम्मीद्वारों ने अपनी चुनावी थकान को उतारा तो रविवार को अपने समर्थकों तथा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर हार-जीत को लेकर गुणा-भाग किया। अपने हिसाब से आंकडों की गोटियां फिट कर जीत को लेकर अपने को दिलासा देते दिखाई दिए। हालांकि जिस हिसाब से समीकरण बने हुए हैं।

उससे उम्मीद्वारों के हालात यह हैं कि दिन कयामत में कट रहा है तो रात बेचैनी में कट रह रही हैं। हार का भूत स्पष्ट रूप उम्मीद्वारों को साये के रूप में पीछा किए जाने की आशंका के बीच समर्थक उन्हें जीत की दिलासा दिला कर कुछ बैचेनी को कम कर रहे हैं। कौन जीतेगा-कौन हारेगा, यह तो आठ अक्टूबर को पता चल पाएगा लेकिन उम्मीद्वारों के चेहरों पर बेचैनी साफ देखने को मिल रही है।

मतदाताओं की चुप्पी ने भी विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीद्वारों को परेशानी में डाला हुआ है। बदले राजनीतिक परिदृश्य तथा बिगड़े जातिय समीकरणों से उम्मीद्वार अपने आप में हलकान हो रहे हैं लेकिन आकड़ों की गोटियां फिट बैठा कर अपनी जीत को सुनिश्चत मान कर अपने आपको दिलासा भी दे रहे हैं।

विधानसभा      कुल मतदाता       मत पोल हुए       मत प्रतिशत

उचाना            218507          164807      75.4 प्रतिशत
जुलाना           184665          137787      74.6 प्रतिशत
सफीदों           195528         145348      73.3 प्रतिशत
नरवाना           224432         158688      70.7 प्रतिशत
जींद              203721          133713      65.6 प्रतिशत

 

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