Jind News : इंडस स्कूल में तीजोत्सव अंतरसदनीय नृत्य प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

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Teejotsav inter-house dance competition was organized in Indus School
सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए छात्र। 
  • प्रतियोगिता में नीलगिरी सदन प्रथम, शिवालिक सदन द्वितीय व अरावली सदन तृतीय रहा

(Jind News) जींद। इंडस पब्लिक स्कूल प्रांगण में हरियाली तीज के उपलक्ष में तीज महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की सदस्य, इनर व्हील क्लब की अध्यक्ष एवं संस्कार भारती की कोषाध्यक्ष डा. हिमानी गुप्ता ने शिरकत की। इस कार्यक्रम में इंडस संस्थाओं के निदेयशक सुभाष श्योराण, स्कूल निदेशिका रचना श्योराण, प्राचार्या अरूणा शर्मा, उप प्राचार्य प्रवीन कुमा ने मुख्यअतिथि का स्वागत किया।

सभी सदनों ने नृत्य के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यअतिथि डा. हिमानी गुप्ता ने दीप प्रज्जवलन के साथ किया। इस अवसर पर अंतर सदनीय नृत्य प्रतियोगिता तीजोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें सभी चार सदनों ने तीज थीम पर मनमोहक और सुंदर-सुंदर प्रस्तुतियां देकर उपस्थितजनों का मन मोह लिया। सभी सदनों ने नृत्य के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में नीलगिरी सदन प्रथम, शिवालिक सदन द्वितीय व अरावली सदन तृतीय रहा। मुख्यअतिथि डा. हिमानी गुप्ता व निदेशक सुभाष श्योराण ने बच्चों की प्रतिभा की सराहना करते हुए आर्शीवाद दिया और तीज का महत्व बताते हुए कहा कि इस प्रकार के उत्सवों से बच्चों को प्रेरणा मिलती है और बच्चे भारतीय संस्कृति से परिचित होते हैं। जोकि विश्व की महान संस्कृति है।

इससे मेलजोल की भावना भी बढ़ती है। उन्होंने सभी बच्चों को तीज त्योहार की बधाई दी और मिलजुल कर रहने का आह्वान किया। स्कूल प्राचार्या अरूणा शर्मा ने कहा कि हम प्रतिदिन अपने कामों में व्यस्त रहने के कारण त्योहारों के महत्व को भूलते जा रहे हैं। इसलिए हम सबका कर्तव्य है कि हम अपनी संस्कृतिक परम्परा की गरिमा को हमेशा बनाए रखें। उन्होंने कहा कि सावन का महीना मन को मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। इस महीने में अनेक उत्सव आते हैं। 15 अगस्त जैसा राष्ट्रीय त्योहार भी इसी महीने में आता है। इसलिए इस महीने का आनंद और भी ज्यादा बढ़ जाता है। उन्होंने बच्चों को सावन में आने वाली तीज के त्योहार से अवगत करवाते हुए कहा कि सावन में पेडों पर झूले लग जाते हैं और सभी झूलों का आनंद लेते हैं। इसलिए हमें अपने पर्यावरण को भी शुद्ध एवं स्वच्छ रखना चाहिए। हमें प्रकृति बचाव के लिए पेडों का संरक्षण करना चाहिए। अगर पेड़ नही होंगे तो झूलों का आनंद लेने से हम वंचित रह जाएंगे। सावन में झूलों की अहम भूमिका होती है।