Jind News : तिलहन फसलों में सल्फर की कमी को पूरा करता है एसएसपी : डीसी

0
89
Matrushakti Udyamita Yojana, a unique scheme launched to empower women and improve their economic condition
जिला निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद इमरान रजा।
  • फसल में अच्छी पैदावार के लिए डीएपी की बजाय एसएसपी व एनपीके का प्रयोग करें किसान
  • एसएसपी व एनपीके ही डीएपी खाद का बेहतर विकल्प

(Jind News)जींद। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि किसान तिलहन फसलों की बेहतर पैदावार लेने के लिए डीएपी (डाई अमोनियम फॉस्फेट) की बजाय एसएसपी यानी सिंगल सुपर फॉस्फेट अथवा एनपीके का प्रयोग करें। इस खाद के इस्तेमाल से सरसों के तेल व वजन की मात्रा बढ़ती है व फसल की चमक में भी इजाफा होता है। इसके अलावा सर्दी के प्रकोप से बचाने के लिए यह खाद कारगर है।

उपायुक्त ने बताया कि सरसों एक तिलहन फसल है। इसलिए इसके बेहतर उत्पादन के लिए किसानों को एसएसपी खाद का प्रयोग करना चाहिए। बीज बुआई से पूर्व एसएसपी का प्रयोग न केवल पौधे की उत्पादन क्षमता को बढ़ाता है बल्कि यह फसल की गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी करता है। वहीं गेहूं की फसल में दाने का साइज व उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए एनपीके का प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान आज भी सरसों व गेहूं की फसल के लिए डीएपी खाद पर निर्भर है।

जबकि बाजार में इसकी तुलना में कम दाम पर बेहतर विकल्प उपलब्ध है। उन्होंने जिला के सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान बाजार में उपलब्ध इस किफायती व बेहतर विकल्प का लाभ अवश्य उठाएं। उपायुक्त ने कहा कि कोई भी खाद व दवा विक्रेता अगर खाद बीज लेते समय किसानों को जबरदस्ती अन्य खाद, बीज या अन्य पदार्थ देता है तो किसान संबंधित कृषि विभाग के कार्यालय में शिकायत करें। साथ ही उन्होंने कृषि अधिकारियों को ऐसे खाद व दवा विक्रेताओं के खिलाफ  कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर महत्वपूर्ण योजना चलाई जा रही है। जिसके तहत एक हजार रुपये प्रति प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।

एनपीके और एसएसपी खाद का इस तरह करें प्रयोग

कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. गिरिश नागपाल ने उपरोक्त दोनों खाद की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि किसान सरसों की बिजाई के लिए एक एकड़ में 50 किलो डीएपी यानी एक कट्टा खाद का प्रयोग करता है। जिसमें 46 प्रतिशत फास्फेट व 18 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है। यह खाद जमीन में जल्दी घुलनशील भी होती है इसलिए बीज के अंकुरण के समय पौधे को इसका कम लाभ मिलता है। इसके साथ ही तिलहन फसलों के लिए सल्फर जोकि सबसे आवश्यक तत्व है। सभी किसान खेत मे नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए एसएसपी खाद की बुवाई से पहले एक एकड़ में 25 किलो यूरिया का छिडकाव जरूर करें। यूरिया के एक कट्टे में नाइट्रोजन की मात्रा करीब 46 प्रतिशत के करीब है।

 

 

यह भी पढ़ें : Jind News : हत्यारोपितों की गिरफ्तारी न होने के विरोध में परिजनों ने किया प्रदर्शन