- शहर में लगाए गए भंडरे, गणमान्यों ने संत रविदास के दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया
- समाज को जाति-पाति के भेदभाव से संत गुरु रविदास ने ही निकाला
(Jind News) जींद। जिलाभर में बुधवार को संत रविदास की जयंती श्रद्धा व धूमधाम से मनाई गई। इससे पहले मंगलवार को धार्मिक संस्थाओं ने शहर में शोभा यात्रा निकाली। सफीदों रोड धर्मशाला में डा. बीआर अंबेडकर सोसायटी द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के तौर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह रहे।
उन्होंने कहा कि सतगुरु रविदास जी ने अपनी अमृतमयी दिव्य वाणी में ऊंच-नीच, जाति-पाति, रंग भेद तथा देश व प्रदेश की सीमाओं से ऊपर उठकर विश्व शांति का उपदेश दिया। सतगुरु रविदास जी विश्व के सबसे पहले क्रांतिकारी विचारक, समाज सुधारक तथा प्रचारक थे।
आज से 600 वर्ष पहले ऐसे सार्वभौमिक मानवतावादी राज्य के बारे में सोचना तथा उसकी रुपरेखा बनाना गुरु जी के हिस्से ही आ सका जिनकी महान प्रतिभा के सामने हमारा शीष अपने आप ही झुक जाता है। संस्था प्रधान राजेश पहलवान ने बताया कि पहले गुरूवाणी का पाठ हुआ और इसके बाद भंडारा लगाया गया और प्रतिभावानों को सम्मानित किया।
छात्रों ने संत रविदास को किया नमन
नालंदा कंप्यूटर एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र में संत शिरोमणि गुरु रविदास जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सेंटर के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत सेंटर के निदेशक वीरेंद्र दहिया द्वारा दीप प्रज्जवलन और गुरु रविदास जी की पूजा से हुई।
उन्होंने बताया कि गुरु रविदास एक महान संत, कवि और समाज सुधारक थे। उनका जन्म 1450 ईस्वी में बनारस में हुआ था। उनके पिता का नाम संतोख दास था और उनकी माता का नाम कालसा देवी था।
यह भी पढ़ें : Jind News : पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बीरेंद्र सिंह पर साधा निशाना