- गुरु गोबिंद सिंह के बड़े बेटे अजीत सिंह व जुझार सिंह की शहीदी सुन संगतों की आंखों में आए आंसू
(Jind News) जींद। शहर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरू तेग बहादुर साहिब में गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों एवं माता गुजरी की देश और कौम की रक्षा की खातिर उनकी शहादत को समर्पित सफर-ए- शहादत धार्मिक समागम का आयोजन श्रद्धा एवं उल्लास से किया गया।
समागम में तरावड़ी से आए धर्म प्रचार कमेटी के प्रमुख ज्ञानी सूबा सिंह ने अपने कथा प्रवचनों में गुरु गोबिंद सिंह के बड़े बेटे अजीत सिंह व जुझार सिंह द्वारा युद्ध के मैदान में दुश्मन की फौज से लड़ते-लड़ते हुई शहादत को अपनी भावपूर्ण बानी में व्याख्या सहित ऐसा वर्णन किया कि संगतों से भरा गुरुद्वारा साहिब का पूरा हाल गमगीन हो गया।
गुरूघर के प्रवक्ता बलविंदर सिंह ने बताया कि जींद शहर में माता गुजरी व चारों साहिबजादों की शहादत को समर्पित पहली बार हुए इस धार्मिक समागम में सबसे पहले दादू साहिब गुरुद्वारा के हजूरी रागी भाई गुरसेवक सिंह रंगीला के रागी जत्थे ने गुरुबाणी कीर्तन के साथ-साथ माता गुजरी तथा चारों साहिबजादों की कुर्बानी का वर्णन सुना कर संगतों को निहाल किया।
सफर- ए-शहादत कार्यक्रम के अंत में मोहाली से आए भाई गुरप्रीत सिंह के गोल्ड मेडलिस्ट जत्थे द्वारा छोटे साहिबजादों बाबा फतेह सिंह एवं बाबा जोरावर सिंह की शहादत का वर्णन करते हुए कि जब दोनों छोटे साहिबजादों को जिंदा ही दीवारों में चिनवाया जा रहा था तो जब दीवार ने बनते-बनते छोटे साहिबजादे फतेह सिंह को अपने में छिपा लिया तो बड़े भाई जोरावर सिंह की आंखों में आंसू भर आए। जिसे देखकर फतेह सिंह ने कहा कि हम गुरू गोबिंद सिंह के वंशज हैं। पिता ने हमें संकट की घड़ी में झुकना नहीं बल्कि मुकाबला करना सिखाया है।
माता गुजरी तथा चारों साहिबजादों की शहादत को देश और धर्म के प्रति सबसे बड़ी कुर्बानी बताया
इस बात पर बड़े भाई जोरावर सिंह ने कहा कि दुख शहीद होने का नही बल्कि दुख इस बात का है कि दुनिया में मैं आप से पहले आया था और आप शहीदी पाकर मेरे से पहले दुनिया से विदा हो रहे हो का प्रसंग ढाढी वारों में सुनते-सुनते गुरू घर में उपस्थित संगतों की आंखे भर आईं।
सफर-ए-शहादत समागम में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन बाबा बलजीत सिंह दादूवाल विशेष रूप से उपस्थित हुए और उन्होंने माता गुजरी तथा चारों साहिबजादों की शहादत को देश और धर्म के प्रति सबसे बड़ी कुर्बानी बताया। समागम के पश्चात गुरू का अटूट लंगर संगतों में बरताया गया।
इस अवसर पर गुरुद्वारा मैनेजर गुरविंदर सिंह चौगामा, हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी सदस्य बीबी परमिंदर कौर, भाई अजैब सिंह, सतिंदर सिंह मंटा, जत्थेदार गुरजिंदर सिंह, पूर्व सदस्य शुभदर्शन सिंह गावड़ी, जोगेंद्र सिंह पाहवा, दलबीर सिंह सेठी, टहल सिंह, सतनाम सिंह तथा प्रीतम सिंह उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें : Jind News : बच्चे की जिस भी चीज में रूचि हो, उसमें आगे बढऩे में सहयोग करना चाहिए ना कि उसे रोकना चाहिए : नीरज