Jind News : राइस मिलर्स की हड़ताल ने बढ़ाई किसानों की परेशानी

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Kurukshetra News : गलत नीतियों के कारण राइस उद्योग काफी नुकसान में चल रहे हैं- बजरंग गर्ग
Kurukshetra News : गलत नीतियों के कारण राइस उद्योग काफी नुकसान में चल रहे हैं- बजरंग गर्ग
  • अबतक जिलेभर की मंडियों में पहुंची है 9600 किवंटल धान
  • राइस मिलर्सों का पंजीकरण नहीं होने से अटका धान खरीद का कार्य

(Jind News) जींद। राइस मिलर्स की हड़ताल से जिले में पीआर धान के उत्पादक किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। किसान अब हडताल समाप्त होने का इंतजार है। राइस मिलर्स की हड़ताल के चलते अब तक किसी भी मिलर्स ने धान खरीद के लिए पंजीकरण नहीं करवाया है। इसके विपरित मंडियों ने धान की आवक बढ़ रही है। अगर आगामी एक या दो दिन में मिलर्स नहीं माने तो मंडियों में धान आवक बढ़ कर किसानों को अधिक परेशानियां उठानी होंगी। इसके अतिरिक्त धान की दूसरी अगेती किस्म की आवक भी बढ़ रही है।

जिले में धान खरीद 16 मंडियों में होनी है लेकिन अभी तक छह मंडियों में ही धान पहुंचा

अबतक जिले की छह मंडियों में 9600 किवंटल धान की आवक हुई है। फिलहाल नरवाना मंडी में धान की सबसे अधिक आवक हुई है। इस मंडी में 6740 किवंटल धान की आवक हुई है बाकि सभी मंडियों में पीआर धान काफी कम आई है। इसके अतिरिक्त बासमती धान की वैरायटी की आवक शुरू हो चुकी है। जिले में धान खरीद 16 मंडियों में होनी है लेकिन अभी तक छह मंडियों में ही धान पहुंचा हैं। अलेवा मंडी में 14 किसानों के गेट पास कटे हैं और 740 क्ंिवटल धान पहुंचा।

धमतान साहिब मंडी में सात किसानों के गेट पास व 480 क्ंिवटल धान, जींद अनाज मंडी में पांच किसानों का 245 किवंटल धान, नरवाना मंडी में सबसे अधिक 106 किसानों का 6740 किवंटल धान, पिल्लूखेड़ा मंडी में 24 किसानों का 1340 क्ंिवटल धान और सफीदों में दो किसानों का 80 क्ंिवटल धान पहुंचा है।

मौसम में बदलाव का रहेगा किसानों को डर

मंडियों में किसान धान लेकर पहुंच रहे हैं लेकिन खरीद नहीं होने से परेशानी भी बनी है। फिलहाल मौसम में होने वाले बदलाव का किसानों को ज्यादा डर बना हुआ है। इन दिनों में कई बार मौसम में बदलाव होता है। बीते तीन दिन पहले भी बरसात के कारण नरवाना समेत अन्य कई मंडियों में धान भीगने से काफी नुकसान हुआ। मिलर्स की हड़ताल के कारण न तो आढ़ती धान का वजन कर कट्टों में भरवा रहे और न ही प्रशासन कुछ अन्य प्रबंध कर सका। इसके कारण अब मंडी में आई धान को मौसम की मार का डर बना हुआ है।

मिलर्स के साथ अधिकारिक स्तर पर चल रही वार्ता

जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक राजेश कुमार आर्य ने कहा कि अभी तक मंडी में आने वाले धान में नमी की मात्रा भी ज्यादा  आ रही है। सहमति के बाद धान में नमी की जांच करवाकर खरीद शुरू करवा दी जाएगी। मिलर्स के साथ मुख्यालय स्तर पर धान खरीद को लेकर वार्ता चली हुई है। सोमवार को भी बैठक होगी। उम्मीद है कि इस बैठक में दोनों पक्षों में सहमति बनेगी। इसके बाद धान खरीद को मंडियों में सुचारू करवाया जाएगा।

 

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