(Jind News) जींद। जिलेभर में भाई व बहन के प्यार का प्रतीक रक्षा बंधन का पर्व सोमवार को धूमधाम से मनाया गया। हालांकि इस बार राखी के पर्व को लेकर लोग असमंजस में रहे। क्योंकि सोमवार को रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने का शुभ मुहूर्त भद्रा काल के बाद रहा जोकि डेढ़ बजे से शुरू होकर साढ़े सात बजे तक था। अमृत चौघडिय़ा मुहूर्त को देखते हुए बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधी। बहनों ने अपनी भाइयों को तिलक लगा कर मुंह मीठा करवाया और राखी बांध कर उनकी लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने जहां बहनों को उनकी रक्षा का वचन दिया वहीं उपहार भी दिए। बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखियां बांध कर भाइयों को मिठाई खिलाई। दूर-दराज के क्षेत्र से भाई अपनी बहनों से राखी बंधवाने के लिए पहुंचे। बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र की कामना की और भाइयों ने बहनों को उपहार देकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया।
जमकर हुई बाजार में खरीदारी
भाई-बहन के प्यार के प्रतीक रक्षा बंधन पर बाजारों में भी पूरा दिन रौनक नजर आई। रक्षाबंधन के त्यौहार पर महिलाओं में खासा उत्साह नजर आया। बालिकाएं व महिलाएं भाइयों की कलाई सजाने के लिए राखियां खरीदने को बाजार में निकली। बाजार में अच्छी खासी खरीददारी हुई। राखी के साथ-साथ मिठाइयों की दुकानों पर खासी भीड़ नजर आई। महिलाओं ने भाइयों का मुंह मीठा करवाने के लिए स्पैशल तौर पर घेवर व मावे की मिठाइयां खरीदी। वहीं बहनों को उपहार देने के लिए भाइयों ने बाजार से कपड़े व अन्य उपहार खरीदे, जिसके चलते बाजार में खासी रौनक नजर आई। वहीं इसे समझो न रेशम का तार भइया, मेरी राखी का मतलब है प्यार भइया या फिर भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना सरीखे गीत भी रक्षा बंधन के अवसर पर दिनभर सुनाई दिए। भाइयों की कलाइयों पर स्नेह की डोर बन कर राखियां जगमगाई तो माथे पर तिलक सजा और हाथों में राखियां बांध कर मिले रक्षा के संकल्प से बहने गौरांवित भी हुई। दूसरी तरफ डाक से आई राखियों को डाकियों ने बांटने का काम किया।
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