• नही मिला कोई नोटिस, डीटीपी कार्यशैली पर जताया रोष

(Jind News) जींद। जिला नगर योजनाकार विभाग द्वारा गुरूवार को कैथल रोड पर अवैध कॉलोनियों में की गई तोडफ़ोड़ की कार्रवाई की गई। शुक्रवार को जिन लोगों की निर्माण गिरे, उन्होंने एकत्रित होकर विभागीय कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े किए। इन लोगों का कहना था कि रसूखदारों के निर्माणों को गिराने से छोड़ दिया गया जबकि कृषि फार्म के लिए बनाई गई टेंपरेरी दीवार, कमरों, गौशाला तक को नही बख्शा।

इन लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें कार्रवाई से पहले न तो किसी तरह का नोटिस मिला और न ही समान उठाने का मौका दिया गया। मुख्य रोड पर जो पक्की दुकानें बनी हैं, उनको फोन आते ही छोड़ दिया गया और उनकी कच्ची दुकानें और खेती की जमीन के चारों तरफ  सुरक्षा के लिए बनाई चारदीवारी को केवल तोड़ा गया। जल्द ही वो इस मामले में डीसी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से मिल कर मामले से अवगत करवाएंगे।

गौरतलब है कि कैथल रोड स्थित सतीश ठेकेदार, कर्मबीर अहलावत, जयदीप, शीलू,  तरूण कटारिया, पारस सहित अन्य लोगों ने बताया कि कैथल रोड पर कृषि की जमीन है और यहां पर कुछ लोग खेती कर रहे हैं तो कुछ ने पंक्चर की दुकान, चाय की दुकान का खोखा रखा हुआ है। एकाध टेंपरेरी ढाबा बनाया गया है तो गोशाला के लिए तूड़ी का स्टॉक की खातिर टीन से स्ट्रक्चर बनाए हुए हैं। जिला नगर योजनाकार विभाग की टीम ने गुरूवार  दोपहर चार जेसीबी की सहायता से उनके स्ट्रक्चर, चार दीवारी, खोखे तोड़ डाले।

सामान उठाने की गुहार भी लगाई लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नही सुनी

उन्होंने सामान उठाने की गुहार भी लगाई लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नही सुनी। विभाग द्वारा नोटिस दिए जाने की बात कही जा रही है लेकिन उन्हें कोई नोटिस ही नही मिला। यहां पर बांधी गई गाय तक निकालने का मौका नही दिया गया। गाय को खोल कर छोड़ दिया। उसकी गाय भी भाग गई। पीडि़तों ने जिला नगर योजनाकार विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कॉलोनी अवैध है तो फिर सभी की दुकानों को क्यों नहीं तोड़ा गया।

इस मामले में डीसी को संज्ञान लेना चाहिए। वीरवार को जिला नगर योजनाकार विभाग द्वारा कैथल रोड पर फ्लाईओवर से निकलने के बाद कंडेला की तरफ जाते समय हाइवे के दोनों तरफ अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनियों को ढहाया गया था। इसमें चार एकड़ में विकसित की गई दो कॉलोनियों में करीब सात दुकानों,  तीन स्ट्रक्चर, चारदीवारी को तोड़ा गया था।

140 फीट के करीब चारदीवारी और 120 मीटर के करीब कच्चे रास्ते को तोड़ा गया

इसके अलावा आठ डीपीसी,  140 फीट के करीब चारदीवारी और 120 मीटर के करीब कच्चे रास्ते को तोड़ा गया। डीटीपी अंजू का कहना है कि कॉलोनी विकसित करने वालों को पहले नोटिस जारी किए गए थे। नियमानुसार कृषि योग्य जमीन को रिहायशी जमीन में बदलने के लिए जिला नगर योजनाकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी है। जिसके लिए सरकार द्वारा गाइड लाइन भी जारी की हुई हंै। बावजूद इसके नियमों को ताक में रख कर धड़ल्ले से अवैध रूप से निर्माण किए जा रहे हैं।

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