• आर्ट ऑफ  लिविंग के अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर का सानिध्य होगा प्राप्त : नरेश जागलान

(Jind News) जींद। आर्ट ऑफ लिविंग हरियाणा टीम के सदस्य नरेश जागलान ने कहा कि आर्ट ऑफ  लिविंग के अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर का मानना है कि कृषि हमारी रीढ़ है और सतत कृषि विकास के माध्यम से ही किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। इसलिए गुरु श्रीश्री रविशंकर के मार्गदर्शन में अध्यात्मिक संगम नस्ल बचाओ, फसल बचाओ विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा।

यह कार्यक्रम किसानों और ग्रामीण समुदाय के उत्थान के लिए समर्पित होगा। कार्यक्रम किसानों को सशक्त बनाने, प्राकृतिक और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने और ग्रामीण जीवन स्तर को ऊंचा उठाने पर केंद्रित रहेगा।
आर्ट ऑफ लिविंग हरियाणा के आयोजक नरेश जागलान बुधवार को निजी होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

छोटे लालच में अपनी औलाद और फसल का नुकसान न करें : जागलान

उन्होंने बताया कि आर्ट ऑफ  लिविंग के अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर 18 फरवरी को जींद में आयोजित आध्यात्मिक संगम में भाग लेंगे। कार्यक्रम का आयोजन सैक्टर सात के श्रीधाम नगर में होगा। जागलान ने कहा कि छोटे लालच में अपनी औलाद और फसल का नुकसान न करें। उन्हें संस्कारी बनाएं ताकि यह कहावत चरितार्थ हो कि जैसा अन्न वैसा मन। जागलान ने कहा कि अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर की प्रेरणा से आज लाखों किसान प्राकृतिक कृषि, जल संरक्षण, जैविक खाद्य उत्पादन और ग्रामीण सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।

आर्ट ऑफ लिविंग ऐसा मंच है जो धार्मिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत व हैरिटेज को बचाने का काम कर रहा

गुरूजी का मिशन जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, किसानों को आत्मनिर्भर बनाना, पारंपरिक कृषि तकनीकों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ कर उत्पादन बढ़ाना तथा पर्यावरण संतुलन बनाए रखना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण है। जागलान ने बताया कि आर्ट ऑफ लिविंग ऐसा मंच है जो धार्मिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत व हैरिटेज को बचाने का काम कर रहा है।

जो कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है उसमें सत्संग, सेवा, खेल और ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले किसानों का समायोजन होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर के ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ी भी यहां पहुंचेंगे। जागलान ने कहा कि जो आने वाली पीढ़ी है वो बहुत हाइपर है, नशे की तरफ है, मोबाइल की लत में हैं।

संस्कारों के अभाव में युवा भटक रहा है। अगर बालपन से संस्कार बच्चों में डाले जाते हैं तो वो दूर तक ठीक रहता है। आज आर्ट ऑफ लिविंग का हर एक कार्यकर्ता गांव से लेकर शहर तक नशे के खिलाफ आमजन में जागरूकता लाने का काम कर रहा है। आर्ट ऑफ लिविंग 180 देशों में सक्रिय है और अपने सामाजिक कामों के माध्यम से करोडों लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।

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