• नौ महीने में मात्र 19 हुई डिलीवरी
  • स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की मेहरबानी से मनपंसद केंद्रों पर डयूटी लगवाने में सफल हो रही स्टाफ नर्स
  • एएनसी (प्रसव पूर्व देखभाल) के लिए 200 महिलाओं ने कराया रजिस्टे्रशन, डिलीवरी हुई मात्र 19

(Jind News) जींद। नगूरां पीएचसी पर डिलीवरी हट के चालू होने से अब तक की बात करें तो गर्भवती महिलाओं का नगूरां पीएचसी से मोह भंग चुका है। स्वास्थ्य विभाग नगूरां पीएचसी में मार्च महिने से अब तक केवल मात्र 19 डिलीवरी ही कर पाया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की मेहरबानी से स्टाफ नर्स पीएचसी नगूरां से अन्य दूसरे केंद्रों पर डयूटी लगवाने में सफल हो रही है।

सीएम मनोहर लाल के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव नगूरां में पीएचसी का निर्माण करवाया था

जिसके कारण नगूरां पीएचसी में डिलीरियों पर ग्रहण सा लग गया है। यह नहीं है कि पीएचसी पर गर्भवती महिलाएं नहीं पहुंच रही है बल्कि एएनसी (प्रसव पूर्व देखभाल) के लिए 200 महिलाओं ने रजिस्टे्रशन करवाया है। पीएचसी पर तैनात स्टाफ नर्स नौ महीने में केवल मात्र 19 डिलीवरी करवाने में ही सफल हो पाई है। नगूरां तथा आसपास गांव के ग्रामीण राजेश, विकास, संदीप, हवा सिंह, रघुबीर, आकाश, राजकुमार आदि ने बताया कि लगभग आठ साल पूर्व प्रदेश के सीएम मनोहर लाल के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव नगूरां में पीएचसी का निर्माण करवाया था। स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस पीएचसी में स्टाफ की नियुक्ति करना था।

ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों का ग्रामीणों को पूरा सहयोग मिला तथा ग्रामीणों की मांग के अनुसार पीएचसी नगूरां में एक पुरूष चिकित्सा अधिकारी, एक महिला चिकित्सा अधिकारी, एक पुरूष स्वास्थ्य निरीक्षक, एक महिला स्वास्थ्य निरीक्षक, एक फार्मासिस्ट, चार स्टाफ नर्स, दो लैब टैक्रिीशियनों के साथ-साथ आऊटर्सोस कर्मचारियों की नियुक्ति कर पीएचसी को सुचारू रूप से चलाने की कवायद तेज हुई। स्वास्थ्य विभाग ने पंचायत की मांग पर मार्च महिने में डिलीवरी हट तो शुरू करवा दिया लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मायूसी के चलते स्टाफ नर्स गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी करवाने के लिए मनाने में असफल रही है।

नगूरां तथा अन्य गांवों के लिए सफेद हाथी साबित हुआ डिलीवरी हट

नगूरां पीएचसी के तहत नौ गांव आते हैं। जो पहले से ही इस पीएचसी पर मिलने वाली चिकित्सा सुविधा से लाभान्वित हो रहे थे। अब पीएचसी में डिलीवरी हट शुरू होने के बाद सीधा लाभ उक्त सभी गांवों के अलावा साथ लगते अन्य गांव की गर्भवती महिलाओं को मिलना था लेकिन पीएचसी का शुरू से ही विवादों के नाता होने के बाद गर्भवती महिलाओं ने अपना प्रसव पीएचसी में करवाना उचित नहीं समझा है। आज स्थिति ऐसी है कि महिलाएं डिलीवरी के लिए नगूरां पीएचसी का नाम सुनना ही पंसद नहीं करती है। इसके लिए ग्रामीणों के अनुसार कहीं न कहीं पीएचसी में तैनात स्टाफ या फिर विभाग के उच्च अधिकारी ही जिम्मेदार लगते हैं।

सीएम व स्वास्थ्य मंत्री को जल्द करवाएगें अवगत : कुलदीप

नगूरां गांव के सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप ने बताया कि पीएचसी में पंचायत की तरफ से डिलीवरी हट चलाने के लिए इंवर्टर या फिर हजारों रुपये का अन्य सामान देकर चलाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन सीएमओ या फिर अन्य उच्च अधिकारी ने नर्सिंग स्टाफ के तबादले की पंचायत की शिकायत के बावजूद भी पीएचसी में डिलीवरी हट को सुचारू रूप से चालू रखने में सहयोग नहीं किया है।

कई बार पंचायत ने स्टाफ नर्सो के तबादले को लेकर शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके लिए अब पंचायत सीएम नायब सिंह सैनी के अलावा स्वास्थ्य मंत्री आरती राव से जल्द मिलेगी और पीएचसी में डिलीवरी हट को सुचारू रूप से चलाने के लिए पहले से मौजूद स्टाफ के तबादले की मांग करेगी।

 

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