- रागी जत्थों ने गुरू तेग बहादुर साहिब की जीवनी से संगतों को करवाया रूबरू
- गुरू तेग बहादुर साहिब ने प्रेम और त्याग के जीवन जीने पर बल दिया : बलविंद्र सिंह
(Jind News) जींद। नौंवीं पातशाही गुरु तेगबहादुर साहिब का प्रकाश पर्व ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब में श्रद्धा एवं धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब में विशेष रूप से दीपमाला की गई तथा धार्मिक दीवान सजाए गए। जिसमें बाहर से आए रागी विद्वानों द्वारा गुरु महिमा के गुरुबाणी शब्द गायन किए गए।
गुरुघर के प्रवक्ता बलविंदर सिंह के अनुसार धार्मिक दीवान में सबसे पहले भाई जसबीर सिंह रमदसिया के रागी जत्थे द्वारा गुरुबाणी शब्द गायन किए गए।
गुरुद्वारा साहिब के हैड ग्रंथी कथा वाचक गुरुविंद्र सिंह रत्तक ने अपने कथा प्रवचनों में गुरु तेग बहादुर की जीवनी को संगतों से रूबरू करते हुए बताया कि गुरु तेग बहादुर साहिब ने देश और धर्म की खातिर अपने आप को ही नही बल्कि अपने पूरे सरबंश को कुर्बान कर दिया और उसी कुर्बानी के सदके आज हम मंदिरों में राम-राम और गुरुद्वारों में वाहेगुरु-वाहेगुरु का जाप करने के काबिल बने हैं। इसके बाद दरबार साहिब अमृतसर से आए भाई गुरसेवक सिंह के रागी जत्थे ने गुरु महिमा के गुरबाणी शब्द सुना कर संगतों को निहाल किया।
हमें गुरूओं की बताई शिक्षा का अनुसरण करना चाहिए : दादूवाल
हरियाणा गुरुद्वारा धर्म प्रचार कमेटी के चैयरमेन बलजीत सिंह दादूवाल, अंतरिम कमेटी की सदस्य बीबी परमिंदर कौर व हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नवनिर्वाचित सदस्य करनैल सिंह निम्नाबाद ने विशेष तौर पर धार्मिक दीवान में अपनी हाजिरी लगवाईं तथा गुरु के समक्ष नतमस्तक हो कर संगतों को प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि हमारे गुरुओं की शहादत की बदौलत ही सिख कौम को बहादुर कौम का दर्जा मिला है।
हमें भी अपने गुरुओं की शिक्षाओं पर अमल करते हुए उनके बताए पदचिन्हों पर चल कर देश और धर्म का विकास करना है। करनैल सिंह निम्नाबाद ने स्थानीय विधायक एवं हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्डा का मुख्य सड़क पर प्रवेश द्वार बनवाने के लिए हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं समूह संगत की तरफ से आभार व्यक्त किया।
गुरू तेग बहादुर साहिब ने प्रेम और त्याग के जीवन जीने पर बल दिया : बलविंद्र सिंह
गुरूघर के प्रवक्ता बलविंदर सिंह ने कहा कि गुरू तेग बहादुर साहिब ने प्रेम और त्याग के जीवन जीने पर बल दिया और कहा कि हमें सुख-दुख में समान रहना चाहिए। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए खासकर धर्म परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठाने का महत्व बताया। उन्होंने हर परिस्थिति का सामना पूरी शांति और दृढ़ता से करने और जीवन में न्याय और समानता के लिए खड़े होने का महत्व बताया।
उन्होंने कमजोरों और वंचितों की सेवा करने और सभी के प्रति अच्छा व्यवहार करने का महत्व सिखाया। उन्होंने समाज में शांति, सद्भाव और समानता स्थापित करने के महत्व पर जोर दिया। गुरु तेग बहादुर साहिब की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और हमें अन्याय, अत्याचार और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए लडऩे की प्रेरणा देती हैं।
धार्मिक दीवान में गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर गुरविंदर सिंह चौगामा, जत्थेदार गुरजिंदर सिंह, मालिक सिंह चीमा, जोगिंदर सिंह पाहवा, टहल सिंह, दलबीर सिंह सेठी, सतनाम सिंह घुम्मण, इंदरजीत सिंह बिट्टू, शेर सिंह सफीदों, सरपंच बलविंदर सिंह, गुरभेज सिंह, आजाद सिंह, मेजर सिंह, शेर सिंह, कर्म सिंह खरकड़ा, शोभा सिंह, यादविंदर सिंह आदि उपस्थित रहे।
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