• रोडवेज यूनियनों ने परिवहन मंत्री द्वारा कर्मियों को वापस मूल कैडर में भेजने के निर्णय का स्वागत

(Jind News) जींद। हरियाणा परिवहन विभाग में  र्षों से कार्यरत पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को परिवहन मंत्री हरियाणा द्वारा अब वापस उनके पुलिस विभाग में भेजने के आदेश जारी किए गए हैं। जिसका रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा स्वागत करती है। परिवहन विभाग में हमेशा से ही उच्च स्तर पर भारतीय और हरियाणा प्रशासनिक अधिकारी कार्यरत रहे हैं।

जबकि जिला स्तर पर हरियाणा स्तर के प्रशासनिक अधिकारी और विभाग के अधिकारी ही कार्यरत रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल के कार्यकाल के दौरान परिवहन विभाग में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को लगाया जाने लगा था। जिसका उस समय यूनियन द्वारा पुरजोर  विरोध भी किया गया था।

अब दोबारा से प्रशासनिक अधिकारियों को उच्च स्तर पर लगाते हुए आरटीए और डिपो स्तर पर प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अनूप लाठर ने निर्णय का स्वागत करते हुए मांग की कि विभाग के कर्मचारियों की मांगों और समस्याओं बारे भी वार्ता का समय निर्धारित करते हुए उनका समाधान करें।

कर्मचारियों की सभी मांगों और उनको कार्य निर्वहन के दौरान हो रही दिक्कतों को प्रमुखता से रखा गया

प्रदेश के परिवहन विभाग के कर्मचारियों की मांगों बारे और परिवहन विभाग की बेहतरी के लिए रोडवेज कर्मचारी यूनियन द्वारा पूर्ण तथ्यों को रखते हुए प्रस्ताव सहित दो बार मांग पत्र परिवहन मंत्री और महानिदेशक को भेजा जा चुका है। जिनमें कर्मचारियों की सभी मांगों और उनको कार्य निर्वहन के दौरान हो रही दिक्कतों को प्रमुखता से रखा गया है।

रोडवेज में कार्यरत प्रदेशभर के चालक, परिचालक और लिपिक कर्मचारी अपने वेतनमान को बढ़ाने बारे आंदोलनरत रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश की जनता को रात्रि, बरसात और धुंध के विकट मौसम में अपनी जान को दांव पर लगा कर बेहतर परिवहन सुविधा मुहैया करवाने वाले चालक, परिचालकों को रिस्क भत्ता नहीं दिया जा रहा है।

वर्कशॉप में वर्षों से रिक्त पद पड़े हैं। कर्मचारियों की तकनीकी वेतन विसंगति को दूर करने, वर्दी, धुलाई एवं जूता भत्ते को वर्षों से नही बढ़ाए जाने आदि बहुत सारी मांगें लंबित पड़ी हैं। इसलिए सरकार जल्द ही यूनियन से वार्ता करते हुए समस्याओं का समाधान करे अन्यथा विभाग के कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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