- महामहिम राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
- ऐतिहासिक नागक्षेत्र सरोवर पर हुई विशाल बैठक
(Jind News) जींद। सफीदों जिला बनाओं संघर्ष समिति की एक विशाल बैठक रविवार को नगर के नागक्षेत्र सरोवर प्रांगण में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुभाष जैन ने की। मंच का संचालन समिति के महासचिव संजीव गौतम ने किया।
बैठक में भक्ति योग आश्रम के संचालक आयुर्वेदाचार्य डा. शंकरानंद सरस्वती महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर जिला पार्षदों, ब्लाक समिति सदस्यों, पालिका पार्षदों, गण्यमान्य लोगों व सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। बैठक में गण्यमान्य लोगों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत करके सफीदों को जिला बनाने का प्रबल समर्थन प्रकट किया।
संघर्ष तभी सफल हो पाएगा जब हम सब इस लड़ाई को एकजुटता के साथ लड़ेंगे।
बैठक को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुभाष जैन ने कहा कि यह लड़ाई सफीदों हलके के मान-सम्मान व आने वाले भविष्य को सुदृढ़ करने की लड़ाई है। यह संघर्ष तभी सफल हो पाएगा जब हम सब इस लड़ाई को एकजुटता के साथ लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि इस विषय को लेकर सर्वप्रथम वे सफीदों के विधायक रामकुमार गौतम से मिले थे। जिन्होंने इस मसले में संघर्ष समिति का पूरा साथ दिया।
विधायक रामकुमार गौतम के साथ आने से इस अभियान को काफी बल मिला। विधायक रामकुमार गौतम ने उसी वक्त प्रदेश के सीएम नायब सैनी, जिला बनाओ कमेटी के चेयरमैन कृष्ण पंवार व सदस्य महिपाल ढांडा से बात की। उसके बाद वे केबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार, महिपाल ढांडा व श्याम सिंह राणा से मिले और उन्हे सफीदों को जिला बनाने का प्रस्ताव सौंपा। उसके उपरांत विधायक रामकुमार गौतम के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिले और उनसे सफीदों को जिला बनाने का निवेदन किया गया।
सीएम नायब सैनी व केबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार, महिपाल ढांडा व श्याम सिंह राणा ने सफीदों को जिला बनाने के मसले में सकारात्मकता दिखाई। सुभाष जैने ने कहा कि यह लड़ाई आसान नहीं है और इसके लिए एक कड़ा संघर्ष करना होगा। सफीदों हलके के हर व्यक्ति को अपनी आने वाली पीढिय़ों के हितों को सुरक्षित करने के लिए इस मुहिम में हर तरीके से साथ देना होगा।
जिला बनाने के लिए काफी ग्राम पंचायतों के समर्थन पत्र प्राप्त हो चुके
उन्होंने बताया कि सफीदों को जिला बनाने के लिए काफी ग्राम पंचायतों के समर्थन पत्र प्राप्त हो चुके है। अब विधायक, डीसी, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, नगर पालिका, पंचायत समितियों, गांवों के सरपंचों व नगर पार्षदों के प्रस्ताव प्राप्त किए जाएंगे।
पैदल मार्च करके लोगों ने सौंपा ज्ञापन
नागक्षेत्र सरोवर पर बैठक करके सैंकड़ों लोग पैदल मार्च करते हुए नगर के महाराजा अग्रसैन चौंक व मकबरा पीर रोड़ होते हुए सीधे मिनी सचिवालय पहुंचे और महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार विकास कुमार को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि सफीदों का ऐतिहासिक संबंध महाभारतकाल से हैं। यह धर्मभूमि राजा कुरु और पांडवों के शासन का हिस्सा रही है। जो आज भी नागक्षेत्र तीर्थ व खानसर चौंक पर स्थित सर्पदधि तीर्थ जैसी धरोहर को अपने आंचल में समेटे हुए है। सफीदों का सीधा संबंध कुरुक्षेत्र धर्मयुद्ध से है। सफीदों के ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो गांव पाजू कलां में पगधोई तीर्थ, गांव हाट में हटकेश्वर तीर्थ, गांव जामनी में जगदग्मिन तीर्थ, गांव कालवा में यताति तीर्थ आज भी विद्यमान है और इन तीर्थों से लोगों की अगाध आस्था जुड़ी हुई है।
ज्ञापन में कहा गया कि सफीदों क्षेत्र वर्ष 1931 से ही रेलवे लाइन से जुड़ा हुआ हैं। भारत सरकार द्वारा देश में सर्वप्रथम हाइड्रोजन ट्रेन चलाने की महत्वपूर्ण परियोजना भी इसी लाइन पर चलाने का गौरव प्रदान किया जा रहा है। सफीदों में लघु सचिवालय व न्यायिक परिसर का नवनिर्मित तीन मंजिला विशाल इमारत ढांचा तैयार है। सफीदों में नागरिक अस्पताल है। सफीदों में कई हुडा के कई सैक्टर बनाए गए है।
सफीदों विधानसभा 1952 से बनने के बाद 1967 में तहसील का दर्जा मिला
सफीदों विधानसभा 1952 से बनने के बाद 1967 में तहसील का दर्जा मिला और उसके उपरांत 1980 से सफीदों को सब डिविजन घोषित किया गया। उसके बाद सफीदों को आजतक किसी प्रकार से अपग्रेड नहीं किया गया है।
सफीदों में शिक्षा क्षेत्र में तीन राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय, एक नर्सिंग कॉलेज, उपमंडल के गांव खेड़ा खेमावती व गांव मुआना में दो आईटीआई, खेलकूद के लिए भव्य महाराजा जन्मेज्य खेल स्टेडियम के साथ गांव सिल्लाखेड़ी, गांगोली, हाट आदि में भी खेल स्टेडियम है। सफीदों के बीचोबीच हांसी ब्रांच नहर बह रही है।
सफीदों में ब्रिटिश शासन काल से ही वर्ष 1938 से नगरपालिका, 1885 से डाक सेवा, 1920 से अनाज मंडी व फल मंडी, 1957 से दूरसंचार विभाग, बैंकिंग सेवाएं कार्य कर रहीं हैं।
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