- जांच के लिए पहुंची टीम ने लिए सैंपल
- टीम ने की अपील ग्रामीण अंधविश्वास में न पड़े
(Jind News) जींद। पिछले काफी दिनों से खरकभूरा गांव के जोहड़ पर करीब 20 साल पुराने नीम के पेड़ से सफेद तरल निकलना शुरू हो गया। लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो ग्रामीणों के बीच ये चर्चा का विषय बन गया। ग्रामीणों पेड़ से निकल रहे सफेद तरल को आस्था से जोड़ रहे है जबकि जांच के लिए पहुंची टीम ने ग्रामीणों से अपील की है कि वो किसी तरह के अंधविश्वास में न पड़े।
जांच टीम ने सैंपल भी सफेद तरल के लिए। नीम का पेड़ कड़वा माना जाता है लेकिन इस सफेद तरल को चखने के बाद ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से नारियल का पानी होता है वैसा ये सफेद तरल है। कुछ लोग तो इस तरल को बोतलों में भर कर अपने घर भी लेकर जा रहे है। प्रशासन द्वारा गांव में मुनियादी करवा कर ग्रामीणों से अपील की है कि जो सफेद तरल निकल रहा है उसका इस्तेमाल न करें।
जांच के लिए पहुंची टीम
स्वास्थ्य, वन, पंचायत एवं जन स्वास्थ्य विभाग की टीम नीम के पेड़ से निकल रहे पानी के निरीक्षण के लिए पहुंची। स्वास्थ्य विभाग उचाना से टीम में शामिल एमपीएचडब्ल्यू विक्रम श्योकंद ने बताया कि यह एक रासायनिक प्रक्रिया है। नीम के पेड़ से निकल रहे पानी में चमत्कार जैसी कोई बात नहीं है। ग्रामीण किसी प्रकार के अंधविश्वास में न पड़े। वन विभाग के दरोगा जगदीप ने बताया कि यह पेड़ों में फंगल इंफेक्शन जैसी एक बीमारी है, बिना किसी जांच के इस पानी का किसी प्रकार का प्रयोग घातक हो सकता है।
सरपंच प्रतिनिधि संजीव, कानूनगो रामबिलास ने इस बारे में लोगों को विस्तार से समझाया। वन राजिक अधिकारी अश्वनी कुमार ने बताया कि यह पेड़ की झिल्ली फटने से हो सकता है। जिस कारण पेड़ पानी अवशोषित नहीं कर पाता और ये पानी बाहर निकाल देता है। सत्यवान ने कहा कि करीब एक महीने से नीम के पेड़ से सफेद तरल निकल रहा है। इससे देखने एवं लेकर जाने के लिए आसपास के गांवों से लोग आ रहे है।
नीम के पेड़ के आसपास साफ.-सफाई की जा रही
टीम आई थी वो सैंपल लेकर गई है। अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। नीम के पेड़ के आसपास साफ.-सफाई की जा रही है। ये चमत्कार है। ये ऐसा पहला पेड़ है जिससे ऐसा हो रहा है। ग्रामीण पेड़ को धागे भी बांधने लगे है। बन्नी सिंह ने कहा कि ये कुदरत की देन है। करीब दो महीने से ऐसा नीम के पेड़ से हो रहा है। सोशल मीडिया पर इसका प्रचार होने के बाद अब आसपास के गांवों के लोग आने लगे है।
रिश्तेदारों के भी फोन आने लगे है। सफेद तरल को चखा गया जो नारियल के पानी की तरह लगता है। कई लोग इसे बाबा रथपूरी का चमत्कार बता रहे है। लोग इसका सेवन आस्था से जोड़ कर रहे है। कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए इसका सेवन कर रहे हैं। लोगों की आस्था बढ़ रही है। मेरे भाई कृष्ण के सिर में दर्द होता था।
इसका सेवन करने के बाद उसको आराम है। अब ये अंधविश्वास है या चमत्कार कुछ कहा नहीं जा सकता। राजपाल काब्रच्छा ने कहा कि तारखा गांव में चर्चा चल रही थी कि नीम के पेड़ से सफेद तरल निकल रहा है जो नारियल पानी की तरह है। ये चत्मकार है।
यह भी पढ़ें : Faridabad News : यूके सरकार की ट्यूरिंग योजना के तहत 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र और फैकल्टी पहुंचे