• नकल के दाग को मिटाने की कवायद में जुटी घोघडिया पंचायत

(Jind News) जींद। उचाना क्षेत्र के घोघडिय़ा गांव की ग्राम पंचायत गांव के सरकारी स्कूल में बने परीक्षा सेंटर के बाहर स्वयं पहरेदारी कर रही है ताकि कोई भी परीक्षा सेंटर में नकल नहीं कर सके। पंचायत सदस्य परीक्षा के समय के दौरान स्कूल के बाहर मौजूद रहती है।

अब तक घोघडिय़ां के अलावा आसपास के गांवों बड़ौदा, रोजखेड़ा, कसूहन, कालता, बधाना, कुचराना कलां, कुचराना खुर्द, करसिंधू के सरकारी व प्राइवेट स्कूल के दसवीं और 12वीं के बच्चों का परीक्षा सेंटर छात्तर गांव में आता था। इन गांवों से 12 से 15 किलोमीटर की दूरी पर बने छात्तर गांव के परीक्षा केंद्र तक दसवीं, 12वीं के बच्चों को असुविधा होती थी। क्योंकि उन्हें वाहन का इंतजाम करना पड़ता और परीक्षा केंद्र तक पहुंचना पड़ता था।

गांव में इस बार परीक्षा का सेंटर आ गया

परीक्षा में बैठने वाले बच्चों के दिमाग पर सफर का असर भी पड़ता था। घोघडिय़ां के सरपंच मनदीप उर्फ  दीपक ने पंचों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर के गांव में बोर्ड की परीक्षा के लिए परीक्षा सेंटर लाने के प्रयास शुरू किए। आखिरकार सरपंच के प्रयास सफल हुए और गांव में इस बार परीक्षा का सेंटर आ गया।

हालांकि 1995 में घोघडिय़ां में परीक्षा सेंटर होता था लेकिन जागरूकता के अभाव और नकल के मामले सामने आने के बाद यहां से परीक्षा सेंटर हट गया था। अब 30 साल बाद फिर से गांव में परीक्षा सेंटर स्थापित किया गया है। इस बार ग्रामीण पूरी तरह से अलर्ट हंै और फिर से इस नकल के दाग को अपने माथे पर लगवाना नही चाहते हैं। इसलिए खुद पहरेदारी कर नकल रोकने में लगे हुए हैं।

परीक्षा सेंटर के चारों कोनों पर करते हैं पहरेदारी

घोघडिय़ां गांव के सरपंच प्रतिनिधि दीपक बूरा ने बताया कि प्रशासन की तरफ  से परीक्षा सेंटर पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं लेकिन ग्रामीणों ने सुरक्षा की एक लेयर को और बढ़ा दिया है। मुख्य गेट तथा इसके चारों कोनों पर बैठ कर सरपंच, पंच, मौजिज लोग पहरेदारी करते हैं। इससे नकल की संभावना नही बची है। जब तक परीक्षाएं चलेंगी, हर परीक्षा में ड्यूटी करेंगे।

परीक्षा सेंटर के चीफ सुपरीटेंडेंट और हिंदी प्रवक्ता रविंद्र ने बताया कि प्रशासन के साथ-साथ ग्राम पंचायत की तरफ से उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है। बिल्कुल शांतिपूर्वक तरीके से परीक्षाएं चल रही हैं।

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