- शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके, बच्चों का बौद्धिक स्तर को जांचने का होगा काम
- निरीक्षक को एक कक्षा में 90 मिनट निरीक्षण करना अनिवार्य : राजेश वशिष्ठ
(Jind News) जींद। राजकीय प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों के शैक्षिक व बौद्धिक स्तर में सुधार के लिए अब हर महीने अधिकारी स्कूल का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षक को स्कूल में शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके, बच्चों का बौद्धिक स्तर, पठन शैली व रफ्तार, कक्षा का वातावरण सहित अन्य जांच करनी होगी। इस जांच की रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जो निपुण मिशन की मेंटर व मॉनिटर एप पर अपलोड होगी। यह रिपोर्ट स्कूल के रजिस्टर में भी निरीक्षक को दर्ज करनी होगी। इसके लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से पत्र जारी किया है।
पत्र में अधिकारियों को हर महीने स्कूलों के निरीक्षण के लिए लक्ष्य भी दिया गया है। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, डाइट प्राचार्य, डाइट सुपरविजन टीम, जिला परियोजना समन्वयक, उप जिला शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, बीआरसी, एफएलएन समन्वयक व प्राचार्यों की ड्यूटी लगाई गई है। जिला शिक्षा अधिकारी को हर महीने तीन स्कूल और छह कक्षाओं का निरीक्षण करना होगा।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को चार स्कूल और आठ कक्षाएं, जिला परियोजना अधिकारी को चार स्कूल और आठ कक्षाएं, डाएट प्राचार्य को चार स्कूल और आठ स्कूल करने होंगे। उप जिला शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी और बीआरसी को चार-चार स्कूल और आठ-आठ कक्षाओं का निरीक्षण अनिवार्य होगा। एफएलएन समन्वयक छह स्कूल और 12 कक्षाओं का निरीक्षण करेंगे। सीआरसी प्रमुख को पांच स्कूल और दस कक्षाओं का निरीक्षण करना है। जिला सुपरविजन टीम 60 स्कूल और 100 कक्षाओं का निरीक्षण करेगी।
एक कक्षा में 90 मिनट का निरीक्षण करना अनिवार्य
निरीक्षण में शिक्षक के अध्यापन शैली, बच्चों की पठन शैली, पढऩे की र तार, कक्षा के वातावरण व सुविधाएं का जायजा लिया जाएगा। निरीक्षक को एक कक्षा में 90 मिनट निरीक्षण करना अनिवार्य होगा। मेंटर व मॉनिटर एप से यह निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षक कक्षा में शिक्षक के बच्चों को पढ़ाने की तरीकें देखेंगे।
स्कूल पहुंचते ही निरीक्षक को एप पर लेनी होगी सेल्फी
स्कूल पहुंचते निरीक्षक को एप पर सेल्फी लेनी होगी। यह एप बिना जीपीएस ऑन किए बिना शुरू नहीं होगा। सेल्फी लेते ही एप का समय शुरू हो जाएगा।
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