(Jind News) जींद। राजकीय विद्यालयों के परिसरों में पोषण वाटिकाएं विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। पोषण वाटिकाओं में विद्यार्थी श्रमदान कर हरी सब्जियां उगाएंगे। इन सब्जियों का इस्तेमाल मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) में किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को पोषक आहार मिलेगा और साथ ही उनका ज्ञान भी बढ़ेगा। जिले के 724 राजकीय विद्यालयों के मुखिया को विद्यालय की खाली भूमि पर सब्जियां उगाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। शिक्षकों के सहयोग से विद्यार्थियों की टोलियां बना कर पोषण वाटिकाएं तैयार की जाएंगी।
इसके लिए विद्यार्थियों को श्रमदान के लिए भी तैयार किया जाएगा। पोषण वाटिका में टमाटर, मूली, गाजर, साग, तोरई लगाई जाएगी और फुलवारी भी तैयार की जाएगी। कई स्कूलों में वाटिकाएं बननी शुरू भी हो चुकी हैं। एसएनजी (स्कूल न्यूट्रीशियन गार्डन) सभी सरकारी स्कूलों में स्थापित की जाएगी। जिन स्कूलों में जगह कम है, वहां स्कूल की छत पर गमले या पॉलीबैग में सब्जियां लगाई जाएंगी। इसमें विद्यार्थी सक्रिय रूप से शामिल होंगे। उन्हें स्वस्थ भोजन विकल्पों के बारे में जानकारी मिलेगी। स्कूल पोषण गार्डन की रिपोर्ट प्रति माह मुख्यालय के साथ साझा की जाएगी।
विद्यार्थियों की ऊंचाई व वजन का होगा माप
पीएम पोषण स्कीम के तहत शिक्षक वर्ष में दो बार छात्रों की ऊंचाई और वजन माप करेंगे। सभी छात्रों के बीएमआई की गणना की जाएगी। कम बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) वाले छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्हें प्रोटीन के साथ अतिरिक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
ज्यादातर स्कूलों में है पोषण वाटिकाएं
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी डा. सुभाष वर्मा ने बताया कि जिले के ज्यादातर स्कूलों में पोषण वाटिका तैयार है। सभी राजकीय विद्यालयों के मुखिया को पत्र भेजकर विद्यालय परिसर में पोषण वाटिकाएं लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इन वाटिकाओं का समय.समय पर निरीक्षण किया जाएगा।
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