Jind News : अब दसवीं पास भी बन सकेेंगे खाद, बीज विक्रेता

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Panchas demanded 4500 honorarium from the government along with health insurance
हमेटी में डिप्लोमा कोर्स की शुरूआत करते हुए डॉ. कर्मचंद। 
  • कृषि में एक वर्षीय डिप्लोमा कर बन सकते हैं अधिकृत कीटनाशक विक्रेता : निदेशक

(Jind News) जींद। हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान हमेटी में सोमवार को निदेशक डा. कर्मचंद के मार्गदर्शन में कृषि सेवाओं में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत हुई। प्रशिक्षण कोर्स की शुरुआत कृषि महाविद्यालय हिसार के पूर्व डीन डा. राजकुमार पान्नू ने दीप प्रज्जवलित कर की। डिप्लोमा में हरियाणा के कई जिलों से 40 भावी कीटनाशक विक्रेता भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर डा. पान्नू ने कहा कि कृषि उत्पादन में हम आज अव्वल स्तर पर हैं लेकिन आज कृषि में अनेकों चुनौतियां हमारे सामने खड़ी हो गई है। आज भूमि की घटती उर्वरा शक्ति, घटता भूजल स्तर, मौसम में बदलाव, खेती में किसान का बढ़ता खर्चा, कीट व बीमारियों में बढ़ती सहनशीलता, खाद्यान्न में बढ़ता जहर का स्तर आदि जैसी अनेकों समस्याएं हमारे सामने खड़ी हो गई हैं। जिनकी तरह ध्यान देना अति आवश्यक हो गया है। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारी तो प्रयासरत हैं ही कीटनाशक विक्रेता भी इन चुनौतियों का सामना करने में विशेष योगदान दे सकते हैंं। डा. पान्नू ने बताया कि बहुत से किसान विक्रेताओं से ही सलाह लेते हैं। इसलिए कीटनाशक विक्रेताओं को कृषि से संबंधित वैज्ञानिक ज्ञान का होना अति आवश्यक है। इसलिए कीटनाशक विक्रेताओं के ज्ञान में वृद्धि एवं नवीनतम तकनीकी ज्ञान की जानकारी के लिए भारत सरकार ने यह डिप्लोमा कोर्स विक्रेताओं के लिए अनिवार्य किया है ताकि किसानों को सही समय पर सही सलाह मिल सके।

डिप्लोJind News : पंचों ने सरकार से स्वास्थ्य बीमा के साथ मांगा 4500 मानदेयमा दसवीं पास युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी :डॉ . कर्मचंद

हमेटी के निदेशक डा. कर्मचंद ने बताया कि यह डिप्लोमा दसवीं पास युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी है जिस में खाद, बीज व कीटनाशकों की बिक्री का लाइसेंस बनवा कर अपना कार्य कर सकते हैं। खाद, बीज व कीटनाशक बनाने व बेचने वाली कंपनियां भी डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता देती हैं। युवाओं को यह कोर्स करवाने में हमेटी अपना पूरा योगदान दे रही है। मैनेज हैदराबाद के दिशा निर्देशन में इस समय हमेटी में छहबैच ऑन कैंपस व चार बैच नूह, दो बैच रेवाड़ी व दो बैच नारनौल में ऑफ. कैंपस चलाए जा रहे हैं। प्रत्येक बैच में 40 प्रशिक्षणार्थियों को दाखिला दिया जाता है। जिन्हें कृषि वैज्ञानिकों व कृषि अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है।
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